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संतोष रूंगटा कैम्पस में शास्त्रार्थ: ठहर सा गया है कौशल का पारम्परिक हस्तांतरण : पाण्डेय

Dec 17, 2017

भिलाई। छत्तीसगढ़ के उच्च शिक्षा मंत्री प्रेम प्रकाश पाण्डेय का मानना है कि कौशल पीढ़ी दर पीढ़ी पारम्परिक रूप से हस्तांतरित होती रही है। बढ़ई का बेटा बढ़ईगिरी, लोहार का बेटा लुहारी बहुत कम उम्र से सीखता था। किशोरावस्था आते तक वह इस ज्ञान में परिपक्व हो जाता और स्वयं उसे आगे बढ़ाता था। इसी गैप को दूर करने के लिए शासन ने स्किल डेवलपमेंट स्कीम शुरू की ताकि लोग रोजगार परक शिक्षा हासिल कर सकें। श्री पाण्डेय संतोष रूंगटा कैम्पस में आयोजित अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस शास्त्रार्थ के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे।भिलाई। छत्तीसगढ़ के उच्च शिक्षा मंत्री प्रेम प्रकाश पाण्डेय का मानना है कि कौशल पीढ़ी दर पीढ़ी पारम्परिक रूप से हस्तांतरित होती रही है। बढ़ई का बेटा बढ़ईगिरी, लोहार का बेटा लुहारी बहुत कम उम्र से सीखता था। किशोरावस्था आते तक वह इस ज्ञान में परिपक्व हो जाता और स्वयं उसे आगे बढ़ाता था। इसी गैप को दूर करने के लिए शासन ने स्किल डेवलपमेंट स्कीम शुरू की ताकि लोग रोजगार परक शिक्षा हासिल कर सकें। श्री पाण्डेय संतोष रूंगटा कैम्पस में आयोजित अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस शास्त्रार्थ के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि शिक्षा के बिना समाज तथा देश का विकास नहीं हो सकता। विज्ञान हमें यह सिखाता है यदि समस्या है तो उसका समाधान भी सदैव मौजूद रहेगा। ज्ञान, विज्ञान और तकनीकी आज के मानव जीवन का मूल आधार हैं। टेक्नालॉजी को मानव जीवन के लिये कैसे उपयोगी बनाया जा सकता है इसे टेक्निकल नॉलेज कहते हैं। तकनीकी के माध्यम से आर्थिक रूप से अक्षम लोगों के लिये किस प्रकार के शोध कार्य किये जायें इस बात को रिसर्चर्स को चैंलेंज के रूप में लेना चाहिए। तभी सफलता संभव है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस दो-दिवसीय इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस के माध्यम से रिसर्चर्स प्रेरणा लेंगे तथा साइंस तथा इंजीनियरिंग के इनोवेशन्स को सामाजिक व अािर्थक रूप से उन्नयन में किस प्रकार इम्प्लीमेंट किया जा सकता है उस दिशा में रिसर्च के लिये उन्मुख होंगे। भारत की समृद्ध संस्कृति हमारे युवाओं के लिये सदैव से प्रेरणास्त्रोत रही है, जिससे मार्गदर्शन लिया जाना चाहिये। आज के समय हमारी संस्कृति का संरक्षण अत्यंत आवश्यक हो गया है।
आई.इ.इ.इ. द्वारा टेक्निकली स्पॉन्सर्ड इस कांफ्रेंस का विषय है – सोशियो -इकॉनॉमिक इम्पैक्ट ऑफ इनोवेशन इन साइंस एण्ड इंजीनियरिंग। इस 2-दिवसीय इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस में विशिष्ट अतिथि शिक्षा बचाओ आंदोलन समिति के सह-संयोजक, शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के सह-सचिव तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक, शिक्षाविद् अतुल कोठारी थे तथा अध्यक्षता रूंगटा समूह के चेयरमेन संतोष रूंगटा ने की। मंचस्थ अन्य अतिथियों में फ्लोरिडा इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी, मियामी, यूएसए से आये हुए वैज्ञानिक प्रो. कैंग के. येन तथा प्रो. नेजीह पाला, दिल्ली यूनिवर्सिटी के डॉ. पी.एस. ग्रोवर, आईआईआईटीएम-ग्वालियर से डॉ. अनुपम शुक्ला, तथा किट्स, भुनवनेश्वर से प्रो. अनंत राम थे। मौके पर संतोष रूंगटा समूह के डायरेक्टर टेक्निकल डॉ. सौरभ रूंगटा, डायरेक्टर एफएण्डए सोनल रूंगटा, आरसीपीएसआर के प्रिंसिपल डॉ. डी.के. त्रिपाठी, प्रिंसिपल, वाइस प्रिंसिपल आरसीइटी श्रीकांत बुर्जे, जीडीआरसीएसटी डॉ. नीमा बालन, शास्त्रार्थ के संयोजक द्वय डॉ. सत्यप्रकाश दुबे तथा डॉ. मनीषा अग्रवाल, प्रबंधक जनसंपर्क सुशांत पंडित सहित समूह के भिलाई-रायपुर कॉलेजों के समस्त विभागों के डायरेक्टर्स, डीन, विभागाध्यक्ष तथा फैकल्टीज उपस्थित थे।

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