नई दिल्ली. NCTE नेशनल काउंसिल फॉर टीचर्स एजुकेशन ने देश के करीब 1000 शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों को बंद करने का फैसला किया है। एनसीटीई ने इन संस्थानों को अनिवार्य रूप से इस साल जुलाई तक एफिडेविट जमा कराने को कहा था, जिसमें नाकाम रहने पर इन संस्थानों को बंद करने का आदेश दिया गया है। गौरतलब है कि इन संस्थानों के परिचालन में पारदर्शिता लाने और हो रहे फर्जीवाड़े को रोकने के लिए एनसीटीई ने हलफनामे के जरिए सभी शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों को आवश्यक डाटा पेश करने को कहा था। तय समय में हलफनामा दाखिल नहीं करने वाले संस्थानों को इसी सप्ताह कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। ‘बंद किए गए एक हजार शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों के अलावा 3000 अन्य बीएड और डीएड कराने वाले टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज एनसीटीई की जांच के दायरे में हैं। ये संस्थान अपने संदिग्ध संचालन, वित्तीय अनियमितता और चलाए जा रहे कोर्स को लेकर शक के घेरे में हैं। कई टीचर्स एजुकेशन इंस्टीट्यूट पर काले धन को सफेद करने का आरोप है। यह रिपोर्ट सामने आने के बाद एनसीटीई ने इनकी जांच कराने का फैसला किया। ये संस्थान गैर-मुनाफा श्रेणी में आते हैं। जांच के बाद इनमें गड़बड़ी पाई गई और इन्हें बंद करने का निर्णय लिया गया है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बीएड और डीएड कराने वाले इन तीन हजार संस्थानों को भी बंद करने का नोटिस मार्च, 2018 तक मिल जाएगा।