भिलाई। एमजे कालेज, कोहका में शोध पत्र लेखन पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में शोध पत्र प्रकाशन एवं लेखन के विषय में जानकारी प्रदान की गई। कार्यशाला में मुख्य वक्ता के रूप में डॉ पी के श्रीवास्तव (भूतपूर्व प्राचार्य, आर्मी इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन, बीएड कालेज, पठानकोट), महाविद्यालय की डायरेक्टर श्रीमती श्रीलेखा विरुलकर, समन्वयक अधिकारी विनोद चौबे एवं प्राचार्य डॉ के एस गुरुपंच उपस्थित रहे। प्राचार्य डॉ गुरुपंच ने मुख्य वक्ता का परिचय प्रदान किया। डॉ श्रीवास्तव ने शोध पत्र लेखन से संबंधित जानकारी दी। उन्होंने कहा कि शोध पत्र लेखन एक कला है। इसे लिखते समय सतर्कता एवं सावधानी बरतनी चाहिए। शोधकर्ता को अपने शोध कार्य से संबंधित उत्कृष्ट शोध पत्रों का गहनतापूर्वक अध्ययन एवं अलोकन करना चाहिए। इन शोध ग्रंथों व शोध पत्रिकाओं का समग्र एवं गहन अध्ययन करके ही एक उत्तम एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर के शोध पत्र का निर्माण संभव है। अंतरराष्ट्रीय स्तर के अनुरूप शोध पत्र के निर्माण के लिए जिन नियमों का पालन करना पड़ता है, उसके संंबंध में भी विस्तृत चर्चा डॉ श्रीवास्तव ने की। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार एक घर के निर्माण के लिए तैयारी की आवश्यकता होती है उसी प्रकार एक उत्कृष्ट शोध पत्र के लिए भी पूर्व तैयारी आवश्यक है। कार्यशाला में शिक्षा संकाय की विभागाध्यक्ष डॉ श्वेता भाटिया के साथ के साथ समस्त स्टाफ उपस्थित था। कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ जेपी कन्नौजे ने किया एवं सभी अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन किया।