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स्वरूपानंद महाविद्यालय में यूथ द चेंज मेकर पर कार्यशाला

Feb 27, 2018

भिलाई। स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय में प्रबंधन विभाग द्वारा ''यूथ द चेंज मेकर ऑफ इंडियाÓÓ विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता के रूप में प्रशांत पटेल अधिवक्ता सुप्रिमकोर्ट उपस्थित हुये। विशिष्ट अतिथि के रूप में श्रीमती रचना नायडू संयोजिका वेटरंस इंडिया थीं। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य डॉ. श्रीमती हंसा शुक्ला ने की। कार्यक्रम संयोजिका श्रीमती आरती गुप्ता विभागाध्यक्ष प्रबंधन ने कार्यक्रम के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला एवं अतिथियों का स्वागत किया।भिलाई। स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय में प्रबंधन विभाग द्वारा ”यूथ द चेंज मेकर ऑफ इंडिया” विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता के रूप में प्रशांत पटेल अधिवक्ता सुप्रिमकोर्ट उपस्थित हुये। विशिष्ट अतिथि के रूप में श्रीमती रचना नायडू संयोजिका वेटरंस इंडिया थीं। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य डॉ. श्रीमती हंसा शुक्ला ने की। कार्यक्रम संयोजिका श्रीमती आरती गुप्ता विभागाध्यक्ष प्रबंधन ने कार्यक्रम के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला एवं अतिथियों का स्वागत किया। श्री प्रशांत पटेल ने कहा भारत युवाओं का देश है यहाँ साठ प्रतिशत युवा रहते है। अगर वो चाहें तो देश की तस्वीर बदल सकते है। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 19 हमें अभिव्यक्ति की स्वंतत्रता का अधिकार देता है परंतु आप अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर कुछ भी नहीं बोल सकते। मसलन राष्ट्र विरोधी वक्तव्य, कानून का उल्लंघन, जिन विचारों से राश्ट्रीय हिंसा फैलने का डर हो तो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर रोक लगाया जा सकता है। हमें पाश्चात्य संस्कृति का अंधानुकरण नहीं करना चाहिये। हमारी अपनी समृद्ध सांस्कृतिक परंपरा है। अपाला, गार्गी, मैत्रीय जैसी विदूषी महिला थीं, लड़कियों को स्वयंवर के माध्यम से अपना वर चुनने का अधिकार था। ईश्वर की कल्पना हमारे यहां अद्र्धनारीश्वर के रूप में की गई है, जहां पुरूष का आधा अंग भी महिला का है। हमारी संस्कृति प्राचीन संस्कृति है जिसे अनेक झंझावतों के बाद भी हमने बनाये रखा है। हम वसुधैव कुटुम्बकम पर विश्वास रखते है।
विद्यार्थियों व प्राध्यापकों ने अनेक प्रश्न पूछे जिनका जवाब श्री पटेल ने दिया-
आपके मन में ‘आपÓ विधायकों के विरूद्ध केस करने का विचार कैसे आया, प्रष्न का जवाब देते हुये कहा एस.के शर्मा द्वारा लिखी किताब ‘दिल्ली सरकार की शक्ति व सीमाओंÓ के आधार पर उन्होंने केस दर्ज किया और सफलता पाई।
इस प्रकार के केस करने से क्या आपके ऊपर कोई दबाव नहीं पड़ता, धमकी नहीं मिलती इसका जवाब देते हुये उन्होंने कहा सच्चाई के रास्ते में कठिनाईयां तो आतीं हैं पर लोगों का समर्थन भी मिलता है।
विद्यार्थियों ने श्री पटेल से अनेक सवाल किये जैसे नेताओं के लिये न्युनतम योग्यता होनी चाहिये, नेताओं के भी दो बच्चों से ज्यादा बच्चे हो ंतो उन्हें चुनाव लडऩे का अधिकार नहीं होना चाहिये। आरक्षण, भ्रश्टाचार, षराबबंदी, किन्नरों, न्याय पाने की धीमीं प्रक्रिया से संबंधित अनेक प्रष्नों के जवाब दिये युवाओं से आग्रह करते हुये उन्होंने कहा आप गुड मार्निंग, गुड इवनिंग जैसे संदेष छोड़कर सामाजिक समस्याओं से संबंधित मुद्दे लोगों को भेजें सोषल मीडिया में बहुत ताकत होती है। इसका प्रयोग हम बदलाव के लिये कर सकते है।
प्राचार्य डॉ. श्रीमती हंसा शुक्ला ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा गल्तियां हम करते है और सुधार दूसरे से चाहते हैं। आप गलत देखते हैं तो उसका विरोध करें, संबंधित अधिकारियों के पास षिकायत दर्ज करायें कारवाही जरूर होगी। मीडिया में देखी बातों का पहले पड़ताल करें सही है या गलत उसकी जानकारी लें मीडिया में दिखाई सभी बातें सही नहीं होती, देखी सुनी बातों पर धारना बनाना सहीं नही है। कार्यक्रम में विविध महाविद्यालय के लगभग एक सौ पचास विद्यार्थी सम्मिलित हुये। कार्यक्रम में मंच संचालन धन्यवाद ज्ञापन श्रीमती नीलम गांधी विभागाध्यक्ष वाणिज्य ने किया।

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