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संतोष रूंगटा कैम्पस में एचआर कॉन्क्लेव : छात्रों को जीएसटी अपनाने की सलाह

Feb 23, 2018

भिलाई। संतोष रूंगटा एजुकेशनल कैम्पस में संचालित रूंगटा कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नालॉजी (आरसीइटी) के ऑडिटोरियम में दो-दिवसीय मेगा एचआर कॉनक्लेव का आगाज हो गया। अपने की-नोट एड्रेस में टेक्निकल एजुकेशन द वे अहेड विषय पर क्विनॉक्स के सीनियर वाईस प्रेसीडेंट अरूण कुमार सिंह ने बताया कि कंपनियों में रोजगार संभावनाओं की कोई कमी नहीं है, आवश्यकता युवाओं को अपने आपको दक्ष बनाने की है। जिस तरह रॉ मटेरियल को प्रोसेस कर फैक्ट्री में फिनिश्ड प्रोडक्ट्स बनाये जाते हैं उसी प्रकार शैक्षणिक संस्थानों में भावी इंजीनियर्स को विभिन्न प्रशिक्षण प्रक्रियाओं से गुजारकर निखारा जाना चाहिये। एग्रीकल्चर तथा वॉटर कंजर्वेशन के क्षेत्र में रिसर्च तथा इनोवेशन की सदैव संभावनायें हैं। सामाजिक आवश्यकताओं के अनुरूप अपडेटेड स्किल्स सदैव उपयोगी होती हैं।भिलाई। संतोष रूंगटा एजुकेशनल कैम्पस में संचालित रूंगटा कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नालॉजी (आरसीइटी) के ऑडिटोरियम में दो-दिवसीय मेगा एचआर कॉनक्लेव का आगाज हो गया। अपने की-नोट एड्रेस में टेक्निकल एजुकेशन द वे अहेड विषय पर क्विनॉक्स के सीनियर वाईस प्रेसीडेंट अरूण कुमार सिंह ने बताया कि कंपनियों में रोजगार संभावनाओं की कोई कमी नहीं है, आवश्यकता युवाओं को अपने आपको दक्ष बनाने की है। जिस तरह रॉ मटेरियल को प्रोसेस कर फैक्ट्री में फिनिश्ड प्रोडक्ट्स बनाये जाते हैं उसी प्रकार शैक्षणिक संस्थानों में भावी इंजीनियर्स को विभिन्न प्रशिक्षण प्रक्रियाओं से गुजारकर निखारा जाना चाहिये। एग्रीकल्चर तथा वॉटर कंजर्वेशन के क्षेत्र में रिसर्च तथा इनोवेशन की सदैव संभावनायें हैं। सामाजिक आवश्यकताओं के अनुरूप अपडेटेड स्किल्स सदैव उपयोगी होती हैं। दूसरे की-नोट एड्रेस में उपस्थित युवाओं को संबोधित करते हुए बाल कंपनी के हेड एचआर, रथिनवल राजन ने सक्सेस प्राप्त करने के लिये जीएसटी का मंत्र दिया जिसमें जीएसटी को युवाओं के लिये नये तरीके से परिभाषित करते हुए उन्होंने कहा कि जी-गो फॉर रियल रिसर्च, एस-सर्च फॉर इनोवेटिव आइडियाज, जिसके लिये अपने आस-पास के वातारवण से प्रेरणा ली जा सकती है तथा टी-टेस्टिमोनिअल्स अर्थात अपने प्रशंसनीय कार्यों हेतु प्राप्त प्रशंसा पत्रों के माध्यम से सफलता हासिल की जा सकती है।
एचआर कॉनक्लेव के दौरान द इफेक्ट ऑफ ऑटोमेशन इन रिक्रूटमेंट – फ्रॉम द कोर इंडस्ट्री पर्सपेक्टिव विषय पर हुए पैनल डिस्कशन्स के दौरान एक्सपट्र्स की यह राय रही कि मानव शक्ति का कोई पर्याय नहीं है। आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस के आने से हालांकि रोबोटीकरण हुआ है परंतु मानवशक्ति अपनी क्रियेटिविटी को और अधिक बढ़ाकर इन मशीनी मानवों से और अच्छा कार्य ले सकती है। ऑटोमेशन के साथ हालांकि रिक्रूटमेंट प्रोसेस में भी परिवर्तन आया है तथा पहले की तरह फेस-टू-फेस न होकर कोडिंग टेस्ट, ऑनलाइन एप्टीट्यूड टेस्ट तथा स्काइप पर लिये जा रहे इंटरव्यू की रिकॉर्डिंग से एचआर अधिकारियों को उम्मीदवारों को परखने का और अच्छा मौका मिलता है परन्तु योग्य उम्मीदवारों के लिये इसका कोई नुकसान नहीं होता बल्कि फायदा ही होता है।
स्टूडेंट द्वारा पूछे गये एक प्रश्न के जवाब में एक्सपट्र्स ने बताया कि यदि आपके बारहवीं के नंबर कम हैं तो इसमें घबराने की आवश्यकता नहीं है आप अपने ग्रेजुएशन की पढ़ाई पर ज्यादा ध्यान दें तथा अपने रिज़्यूमे में अपने स्ट्राँग पॉइंट्स पर ज्यादा फोकस करें। आजकल कंपनियाँ स्टूडेंट्स को शॉर्टलिस्ट करते समय कटऑफ माक्र्स पर ज्यादा फोकस न करके उम्मीदवार के टेलेंट, केपेबलिटीज आदि पर ज्यादा ध्यान देती हैं, इसलिये ऐसे स्टूडेंट्स को मायूस होकर बैठने की जगह भविष्य में और भी मेहनत करना चाहिए। अपना गोल सेट करें और पास्ट को भूलकर प्रेजेंट पर फोकस करें तभी आपका फ्यूचर सुनहरा होगा। इस पैनल डिस्कशन में एसबीएच होम अप्लायंसेस, महिन्द्रा एण्ड महिन्द्रा, लिकन इलेक्ट्रिकल, बीएसएच तथा मिचेलीन के एचआर अधिकारियों शंकर, कार्तिक, शिवा शणमुगम, विजय उन्नी तथा अशोक कुमार ने भाग लिया।
कार्यक्रम में सेकण्ड सेशन में एचआर के वरिष्ठ अधिकारियों बीएसएच के शंकर, डेलियोट के आलोक टैगोर, टेक्नोवर्ट के अनूप तथा कॉग्नीजेंट टेक्नालॉजीस के जोशुआ डेविड ने भी संबोधित किया। इसके अलावा पैनल डिस्कशन्स के अंतर्गत इज मास हियरिंग ए पास्ट फिनोमिना – द सिनॅरियो टूडे पर डिस्कशन्स हुए।

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