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जनऔषधि केन्द्र में नहीं है कुत्ता काटने की दवा

Mar 31, 2018

भिलाई। सुपेला स्थित लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल के जनऔषधि केन्द्र ने हालांकि गरीब और मध्यमवर्गीय मरीजों को बड़ी राहत पहुंचाई है पर यहां कुत्ता काटने की दवा उपलब्ध नहीं है। इसके अलावा डाक्टर्स हायर एंटीबायोटिक्स और काम्बिनेशन मेडिसिन्स लिखते हैं जो मरीजों को महंगे दामों पर बाहर से खरीदना पड़ता है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व सचिव महेश जायसवाल, ब्लाक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष प्रभाकर जनबंधु, महामंत्री दिनेश सिंह, कृष्णा देवांगन आदि ने आज अस्पताल पहुंचकर मरीजों और जनऔषधि केन्द्र प्रभारी युसुफ भाई से चर्चा की। मरीजों ने बताया कि सामान्य औषधियां यहां काफी सस्ती दरों पर उपलब्ध हैं पर एक या दो दवाइयां बाहर से लेनी पड़ती हैं जो काफी महंगी होती हैं।भिलाई। सुपेला स्थित लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल के जनऔषधि केन्द्र ने हालांकि गरीब और मध्यमवर्गीय मरीजों को बड़ी राहत पहुंचाई है पर यहां कुत्ता काटने की दवा उपलब्ध नहीं है। इसके अलावा डाक्टर्स हायर एंटीबायोटिक्स और काम्बिनेशन मेडिसिन्स लिखते हैं जो मरीजों को महंगे दामों पर बाहर से खरीदना पड़ता है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व सचिव महेश जायसवाल, ब्लाक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष प्रभाकर जनबंधु, महामंत्री दिनेश सिंह, कृष्णा देवांगन आदि ने आज अस्पताल पहुंचकर मरीजों और जनऔषधि केन्द्र प्रभारी युसुफ भाई से चर्चा की। मरीजों ने बताया कि सामान्य औषधियां यहां काफी सस्ती दरों पर उपलब्ध हैं पर एक या दो दवाइयां बाहर से लेनी पड़ती हैं जो काफी महंगी होती हैं। भिलाई। सुपेला स्थित लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल के जनऔषधि केन्द्र ने हालांकि गरीब और मध्यमवर्गीय मरीजों को बड़ी राहत पहुंचाई है पर यहां कुत्ता काटने की दवा उपलब्ध नहीं है। इसके अलावा डाक्टर्स हायर एंटीबायोटिक्स और काम्बिनेशन मेडिसिन्स लिखते हैं जो मरीजों को महंगे दामों पर बाहर से खरीदना पड़ता है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व सचिव महेश जायसवाल, ब्लाक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष प्रभाकर जनबंधु, महामंत्री दिनेश सिंह, कृष्णा देवांगन आदि ने आज अस्पताल पहुंचकर मरीजों और जनऔषधि केन्द्र प्रभारी युसुफ भाई से चर्चा की। मरीजों ने बताया कि सामान्य औषधियां यहां काफी सस्ती दरों पर उपलब्ध हैं पर एक या दो दवाइयां बाहर से लेनी पड़ती हैं जो काफी महंगी होती हैं।युसुफ भाई ने बताया कि यहां डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, हृदय रोग, पेट की बीमारियों सहित 300 के अधिक प्रकार की दवाइयां उपलब्ध हैं। कुत्ता काटने पर लगाया जाने वाला एन्टीरैबीज इंजेक्शन उपलब्ध नहीं है जिसके कारण मरीजों को बाहर से 350-400 रुपए में ये इंजेक्शन खरीदने पड़ रहे हैं।
यह भी है दिक्कतें
उन्होंने बताया कि जनऔषधि केन्द्र में दवाइयां काफी सस्ती मिलती हैं पर इनके शेल्फ लाइफ कम है। यानी ये दवाइयां 7-8 महीने में एक्सपायरी डेट की हो जाती हैं। इन दवाइयों का रिप्लेसमेंट नहीं मिलता। एक साल से कुछ अधिक समय से चल रहे इस जनऔषधि केन्द्र में 2-3 बार एक्सपायरी डेट की दवाइयां वापस लौटाई जा चुकी हैं। ब्राण्डेड मेडिसिन की एक्सपायरी डेट दो या तीन साल की होती है और उन्हें एक्सपायरी से पूर्व कंपनी को लौटाया जा सकता है।
संकट में जनऔषधि केन्द्र
श्री जायसवाल ने बताया कि केन्द्र की यह योजना खटाई में पड़ती दिख रही है। एक तो सरकारी अस्पताल में कई दवाइयां मुफ्त मिलती हैं। दूसरे डाक्टर जेनेरिक दवायिा लिखते नहीं हैं। इसके कारण बिक्री कम होती है। बाजार में मिलने वाली दवाइयों से इनकी कीमत भी काफी कम होती है इसलिए मार्जिन भी कम होता है। इसलिए एक के बाद एक केन्द्र बंद हो रहे हैं। इसीलिए बालोद के 2, बलौदाबाजार के 3, कोरबा- 2, बस्तर-1, धमतरी-3 जांजगीर-5, बस्तर कबीरधाम-1, बेमेतरा-3, बिलासपुर-5, कोरिया 3, महासमुंद-3, मुंगेली-1, रायगढ़-4, राजनांदगांव-4, रायपुर-2, सरगुजा-3, दुर्ग में 2 जन औषधि केन्द्र बंद हो चुके हैं।

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