भिलाई। विश्व उपभोक्ता दिवस पर स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय हुडको, भिलाई में जागरूक उपभोक्ता विषय पर गोल मेज चर्चा का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता प्राचार्य डॉ. हंसा शुक्ला ने की एवं महाविद्यालय के सभी प्राध्यापकों ने अपने विचार प्रस्तुत किये। प्राचार्या डॉ. हंसा शुक्ला ने अपने उद्बोधन में कहा कि इस भागती दौड़ती जिन्दगी में हम कुछ खास बातों की तरफ ध्यान देना छोड़ देते हैं जिससे हम कहीं न कहीं अपने मूल्य और अधिकारों को पीछे छोड़ देते हैं। आज के युग में उपभोक्ता को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होने की आवश्यकता है, जिससे उपभोक्ता अपने द्वारा भुगतान की गई राशि से सही सेवा और वस्तु प्राप्त कर सके।कार्यक्रम प्रभारी डॉ. रचना पांडेय ने इस चर्चा के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुये कहा कि जब हम बाजार सामान खरीदने जाते हैं तो समान खरीदने के नियमों को ध्यान में नहीं रखते है जैसे समान खरीदते समय बिल अवश्य लें एवं रजिस्टर्ड दुकानों से ही समान खरीदें। प्राध्यापकों ने भी अपने-अपने सुझाव दिये जिसमें डॉ. शमा बेग ने कहा कि सोने चांदी की खरीदी के समय और उसे बेचते समय हमें बिल में नोट कैरेट और मूल्य को ध्यान में रखना चाहिये तथा मेडिकल सामान की खरीदी करते समय एक्सपायरी तिथि को ध्यान में रखना चाहिये।
स.प्रा. श्रीमती सुनीता शर्मा ने पॉलिसी के संदर्भ में बताया कि जब भी पॉलिसी करायें वे विश्वसनीय हो अन्यथा आपका पैसा डूबने की संभावना रहती है। स.प्रा. आरती गुप्ता ने कहा कि यदि आपके पास समान का बिल नहीं है और विक्रेता द्वारा खराब समान वापस नहीं हो रहा है तो आप बातचीत के दौरान अपने वार्तालाप को टेप कर सकते हैं एवं जैसे यदि तबियत खराब होने के दौरान डॉक्टर द्वारा गंभीर बिमारी बताई जाती है तो आप तुरन्त विश्वास न करके दो – चार अन्य डॉक्टरों के भी सलाह अवश्य लें। स.प्रा. नीलम गांधी ने कहा कि क्रय की गई वस्तुओं के ऊपर टोल फ्री नंबर अंकित होता है यदि आपकी वस्तु खराब है तो आप टोल फ्री नंबर पर फोन कर अपनी समस्या का समाधान कर सकते हैं। चर्चा के दौरान यह निष्कर्ष निकला कि हमें अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होने की आवष्यकता है जिससे हम कई प्रकार के धोखाधड़ी से बच सकते हैं।
कार्यक्रम में डॉ. रजनी मूद्लियार, डॉ. निहारिका देवांगन, डॉ. ज्योति उपाध्याय, स.प्रा. श्रीमती अजिता सजिथ, स.प्रा. श्वेता निर्मलकर, स.प्रा. राशि शर्मा एवं स.प्रा. पूजा सोढ़ा आदि ने भी इस विषय पर अनेक सुझाव प्रस्तुत किया।