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स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय में कविता लेखन प्रतियोगिता का आयोजन

Mar 21, 2018

भिलाई। विश्व कविता दिवस पर स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय हुडको में प्राध्यापकों द्वारा मेरी प्यारी बिटिया एवं विद्यार्थियों द्वारा देशभक्ति विषय पर कविता लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता प्राचार्य डॉ. हंसा शुक्ला ने की। निर्णायकगण के रूप डॉ. श्रीमती शीला शर्मा, प्राध्यापक हिन्दी विभाग, शासकीय महाविद्यालय खुर्सीपार एवं डॉ. निशा शुक्ला विभागाध्यक्ष हिन्दी विभाग, भिलाई महिला महाविद्यालय, भिलाई उपस्थित हुये।भिलाई। विश्व कविता दिवस पर स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय हुडको में प्राध्यापकों द्वारा मेरी प्यारी बिटिया एवं विद्यार्थियों द्वारा देशभक्ति विषय पर कविता लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता प्राचार्य डॉ. हंसा शुक्ला ने की। निर्णायकगण के रूप डॉ. श्रीमती शीला शर्मा, प्राध्यापक हिन्दी विभाग, शासकीय महाविद्यालय खुर्सीपार एवं डॉ. निशा शुक्ला विभागाध्यक्ष हिन्दी विभाग, भिलाई महिला महाविद्यालय, भिलाई उपस्थित हुये। प्राचार्य डॉ. हंसा शुक्ला ने अपने उद्बोधन में कहा कि कविता ममत्व और पीड़ा की अभिव्यक्ति है। विश्व कविता दिवस के आयोजन से कविता के प्रति प्राध्यापकों और विद्यार्थियों में रूचि और उत्साह दिखाई दिया और कहा कि हर दिन विशेष होता है लेकिन उनमें से यदि कुछ दिनों के आयोजन से लोगों की रचनात्मक क्षमता सामने आती है।
कार्यक्रम प्रभारी डॉ. रचना पांडेय ने इस प्रतियोगिता के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुये कहा कि इस भागती-दौड़ती जिंदगी में अपनी अभिव्यक्ति को शब्दों का रूप देने के लिये लोगों के पास समय नहीं है। इस प्रतियोगिता को कराने का उद्देश्य है कि अपने भावों को अपने शब्दों में अभिव्यक्त कर सकें। प्राध्यापकों एवं विद्यार्थियों ने इसमें उत्साहपूर्वक भाग लिया।
जिसमें प्रथम स्थान डॉ. शमा बेग (विभागाध्यक्ष, माईक्रोबायोलॉजी विभाग)का रहा जिनकी कविता की कुछ पंक्तियां- बेटी माँ का दिल होती है, मेरा शरीर एक वृक्ष, मेरी बिटीया एक नन्ही चिड़ीया, उछलती कूदती-कूदती, कभी मेरे कंधों पर चढ़़ जाती।
द्वितीय स्थान डॉ. सुनीता वर्मा (विभागाध्यक्ष, हिन्दी विभाग), जिनकी कविता – जब दुख की बदली छा जाती है, तब अभिव्यक्ति के द्वार बन जाती है मेरी बेटी, अपनी आशा आकांक्षाओं को जब, नि:संकोच कह पाती हूँ।
तृतीय स्थान डॉ. हंसा शुक्ला (प्राचार्य) जिनकी कविता- जिसके रोने पर मैं मुस्काई, जिसके जन्म से मैं पूर्णत: पाई, मेरी परछाई है मेरी बिटिया। जब हकलाती थी, तुतलाती थी मेरी बात समझ जाती थी। मेरी हमराज है मेरी बिटिया। एवं अन्य सभी प्राध्यापकों की कविता सराहनीय रही। विद्यार्थियों के लिये कविता का विषय ”देश भक्तिÓÓ था जिसमें प्रथम तनुश्री हसदा, बी.एड चतुर्थ सेमेस्टर,, द्वितीय स्थान में रिम्मी सिंह, बीबीए चतुर्थ सेमेस्टर रहीं, जिनकी कविता का शीर्षक था- यारा प्यारा मेरा देश, सजा संवरा मेरा देश।
तृतीय स्थान में पल्लवी भट्टी, बीबीए द्वितीय सेमेस्टर की कविता की पंक्तियां- मैं भारत माता हूँ, इतने व्यस्त हो गये तुम कि तुम्हारा देश प्रेम साल में दो बार जागता है। उन सैनिकों के बारे में सोचो, जिनके जीवन का पल-पल देश के लिये न्योछावर है। एवं मोईन अलि खान बीबीए चतुर्थ सेमेस्टर की कविता ”ये कैसी आजादी को मिलाÓÓ।
निर्णायक डॉ. श्रीमती शीला शर्मा ने इस कार्यक्रम की सराहना करते हुये कहा कि कविता खुशी और दुख दोनों भावों की अभिव्यक्ति है और कहा कि कविता विश्व को बांधने का सशक्त माध्यम है। डॉ. श्रीमती निशा शुक्ला ने विद्यार्थी एवं स्टॉफ की रचनात्मक क्षमता की सराहना करते हुये कहा कि एैसे आयोजन से हमें अपनी विचारों को एक आवरण देने का मौका मिलता है अत: इस तरह का आयोजन महाविद्यालयों में होते रहना चाहिये।
कार्यक्रम में डॉ. रजनी मुद्लियार, डॉ. निहारिका देवांगन, डॉ.ज्योति उपाध्याय, श्रीमती जया तिवारी, श्रीमती सुनीता शर्मा, श्रीमती वनीता महाले, टी. बबीता, राशि शर्मा, एवं पूजा सोढ़ा एवं अन्य प्राध्यापकगण और विद्यार्थी उपस्थित थे।

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