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स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय में विश्व टी.बी. दिवस मनाया गया

Mar 29, 2018

भिलाई। स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय के प्राध्यापकों द्वारा विश्व टी.बी. दिवस मनाया गया जिसमें टी.बी. रोग के कारण, लक्षण एवं उपचार विषय पर चर्चा की गई। जिसमें सभी ने अपने-अपने विचार प्रस्तुत किए। प्राचार्य डॉ. हंसा शुक्ला ने कहा कि जैसे आज भारत पोलियो मुक्त है वैसे हम टीबी मुक्त भी हो सकते हैं। डॉ हंसा शुक्ला ने कहा कि सहीं समय पर बीमारी का पता लगना व सहीं उपचार से टी.बी. को नियंत्रित किया जा सकता है। टी.बी. के लिये जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर, टी.बी. के मरीजों को दवाई की पूरी खुराक लेने के लिये प्रेरित कर आगामी चार-पाँच सालों में भारत को टी.बी. मुक्त किया जा सकता है।भिलाई। स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय के प्राध्यापकों द्वारा विश्व टी.बी. दिवस मनाया गया जिसमें टी.बी. रोग के कारण, लक्षण एवं उपचार विषय पर चर्चा की गई। जिसमें सभी ने अपने-अपने विचार प्रस्तुत किए। प्राचार्य डॉ. हंसा शुक्ला ने कहा कि जैसे आज भारत पोलियो मुक्त है वैसे हम टीबी मुक्त भी हो सकते हैं। डॉ हंसा शुक्ला ने कहा कि सहीं समय पर बीमारी का पता लगना व सहीं उपचार से टी.बी. को नियंत्रित किया जा सकता है। टी.बी. के लिये जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर, टी.बी. के मरीजों को दवाई की पूरी खुराक लेने के लिये प्रेरित कर आगामी चार-पाँच सालों में भारत को टी.बी. मुक्त किया जा सकता है। कार्यक्रम प्रभारी डॉ.रचना पाण्डेय ने कहा कि व्यक्ति छोटी बीमारियों की तरफ ध्यान नहीं देते है जिससे आगे चलकर यह गंभीर रूप ले लेती है अत: प्रारंभिक चिकित्या सबसे जरूरी है।
डॉ. शमा बेग ने कहा कि टी.बी.की बीमारी कुपोषण से होती है। जिसकी वजह से बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है और बेक्टिरिया आसानी से मनुष्य के शरीर में विकसित हो जाते है श्रीमती सुनीता शर्मा ने कहा झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले लोगो में ये बिमारी ज्यादा होती है क्योंकि टी.बी. रोग गंदे पानी और अस्वच्छता से फैलने वाली बिमारी है। डॉ. निहारिका देवांगन ने कहा आजकल लोग डब्बा बंद खाद्य पदार्थो का सेवन ज्यादा करने लगे है जिससे हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती जा रही है। लोग जल्दी बीमारी का शिकार हो जाते है। स.प्रा. साक्षी मिश्रा ने कहा दवाईयों की पूर्ण मात्रा नही लेने पर भी पुन: रोग होने की संभावना बढ़ जाती है।
कार्यक्रम में डॉ. वी. सुजाता, डॉ. ज्योति उपाध्याय, स.प्रा. जया तिवारी, शैलजा पवार, मंजू कनौजिया, टी.बबीता, स.प्रा. चंचल पाण्डेय, स.प्रा. पूजा सोड़ा, राषि षर्मा, कामिनी, गरिमा एवं एमएससी के विद्यार्थी रिचा शुक्ला, आकांक्षा सिंह, भविष्या तलरेजा, अक्षदीप कौर एवं शिवानी शर्मा ने भाग लिया।

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