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कुपोषण मुक्ति के प्रयासों के लिए छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय पुरस्कार

May 26, 2018
रायपुर। कुपोषण मुक्ति के लिए छत्तीसगढ़ में चलाई जा रही इस्निप परियोजना को राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय और विश्व बैंक ने यह पुरस्कार दिया है। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और महिला एवं बाल विकास मंत्री रमशीला साहू ने इस उपलब्धि पर इस्निप परियोजना में शामिल जिलों की जनता को बधाई दी है। मंत्री साहू ने कहा कि इस्निप परियोजना के बेहतर क्रियान्वयन के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों की कार्यकर्ता और सहायिका बधाई की पात्र हैं। रायपुर। कुपोषण मुक्ति के लिए छत्तीसगढ़ में चलाई जा रही इस्निप परियोजना को राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय और विश्व बैंक ने यह पुरस्कार दिया है। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और महिला एवं बाल विकास मंत्री रमशीला साहू ने इस उपलब्धि पर इस्निप परियोजना में शामिल जिलों की जनता को बधाई दी है। मंत्री साहू ने कहा कि इस्निप परियोजना के बेहतर क्रियान्वयन के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों की कार्यकर्ता और सहायिका बधाई की पात्र हैं। नई दिल्ली में आयोजित समारोह में केंद्र सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के सचिव राकेश श्रीवास्तव और विश्व बैंक की प्रैक्टिस मैनेजर रेखा मेनन के हस्ताक्षर से छत्तीसगढ़ को यह पुरस्कार और प्रशस्तिपत्र दिया गया।

ज्ञात हो कि प्रदेश में कुपोषण मुक्ति के लिए विश्व बैंक के सहयोग से इस्निप परियोजना चलाई जा रही है। इसके तहत एकीकृत बाल विकास सेवाओं को सुदृढ़ बनाने और पोषण की स्थिति सुधारने पर जोर दिया जा रहा है। 2014 से यह परियोजना प्रदेश के 17 जिलों-महासमुंद, कोरबा, दुर्ग, कवर्धा, जशपुर, कांकेर, दंतेवाड़ा, बीजापुर, बस्तर, नारायणपुर, रायपुर, बेमेतरा, बालोद, सुकमा, कोंडागांव, गरियाबंद और बलौदाबाजार भाटापारा जिले में चलाई जा रही है। परियोजना जून 2018 तक चलेगी। इन जिलों में 134 एकीकृत बाल विकास परियोजनाओं के अंतर्गत 28 हजार 682 आंगनबाड़ी केंद्रों में सुपोषण चौपाल के तहत गोद भराई, बच्चों का अन्न् प्राशन, बाल भोज आदि कार्यक्रम किए जाते हैं।

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