जगदलपुर। विश्व प्रसिध्द कोटमसर गुफा देखने आने वाले सैलानियों ओर कांगेर घाटी में 10 हेक्टेयर में विस्तारित डियर पार्क को अब जल संकट से जूझना नही प़ड़ेगा। इनके लिए पानी की व्यवस्था करने के जूनून में कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान ने कोटमसर और कामानार में कर्नाटक के कंप्रेशर मशीन से दो ऐसा बोर करवाया है जो अपने आप में रिकार्ड बन गया है। कोटमसर गुफा के सामने कराया गया बोर 1270 फीट गहरा तो कामालार का बोर 1360 फीट गहरा है दोनों से क्रमश छह और पांच इंच पानी मिला है। बताया गया कि इसके पहले बस्तर में सर्वाधिक 800 फीट गहराई वाला बोर महाराणा प्रताप वार्ड के खपरा भठ्ठी इलाके में किया गया था, परन्तु पानी नहीं मिला था। करीब दो सौ वर्ग किमी में फैले कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में जल संकट पुरानी समस्या है, इसके चलते ही तीरथगढ़ आने वाले लोगों को मुनगा बहार नाला का पानी पीना पड़ता है। विश्व प्रसिध्द कोटमसर की गुफा को देखने हजारों सैलानी पहुंचते हैं परन्तु ड्राइजोन होने के कारण यहां करीब 10 बोर फेल हो चुके हैं हैं।
कोटमसर गुफा के पास ही 10 हेक्टेयर में डियर पार्क बनाया गया है लेकिन इसके लिए भी पानी की पुख्ता व्यवस्था नहीं हो पाई थी, इसलिए नेशनल पार्क विभाग ने उक्त क्षेत्र में गहरा बोर कराने की ठानी और सफलता भी पाई है। कोटमसर रेंज के रेंजर अशोक सोनवानी ने बताया कि कोटमसर गुफा के सामने और कामानार बेरियर के पास पिछले दिनों कर्नाटक से आई कंप्रेशर मशीन से बोर कराया गया है। कोटमसर में 1270 फीट गहरा बोर कराया गया जिसमें छह इंच पानी मिला है । जिसके चलते वर्षों पुरानी पानी समस्या यहां खत्म हो गई है।
अब यहां सैलानियों के लिए पेयजल के साथ शौचालय आदि के लिए भी पानी की व्यवस्था हो गई है। इस बोर से एक किमी दूर डियर पार्क तक 50 स्टेज का पाइप लाईन और बिजली का केबल बिछाया गया है। इधर कामानार बेरियर में भी 1360 गहरा बोर करवा कर पर्याप्त पानी की व्यवस्था की गई है। यहां पांच इंच पानी मिला है। इस बोर का लाभ सैलानियों के अलावा विभाग के कर्मचारी क्वॉटरों को मिलेगा। इस कार्य में करीब छह लाख रूपए खर्च किया गया है। इधर पीएचई के सब इंजीनियर टीआर देवांगन ने बताया कि बस्तर में अब तक का सबसे गहरा 800 फीट बोर खपराभठ्ठी इलाके में किया गया था पर पानी नही मिला था।