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स्वरूपानंद महाविद्यालय में कौशल विकास पर अतिथि व्याख्यान

May 7, 2018

भिलाई। स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय हुडको, भिलाई में टीएनपी तथा आईक्यूएसी प्रकोष्ठ के द्वारा कौशल विकास के लिए व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों को यह बताना था कि उपलब्ध रोजगार के लिये स्वयं को सक्षम बनाना जरूरी है जिससे आज के प्रतिस्पर्धा के युग में अपनी कौशल और योग्यता के अनुसार आपको सहीं रोजगार प्राप्त हो सके।भिलाई। स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय हुडको, भिलाई में टीएनपी तथा आईक्यूएसी प्रकोष्ठ के द्वारा कौशल विकास के लिए व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों को यह बताना था कि उपलब्ध रोजगार के लिये स्वयं को सक्षम बनाना जरूरी है जिससे आज के प्रतिस्पर्धा के युग में अपनी कौशल और योग्यता के अनुसार आपको सहीं रोजगार प्राप्त हो सके। गंगाजली शिक्षण समिति के चेयरमेन आईपी मिश्रा ने कार्यक्रम की सराहना करते हुये कहा कि इस तरह के कार्यक्रम छात्रों के लिये फायदेमंद है। महाविद्यालय के सीओओ डॉ. दीपक शर्मा ने कहा कि विद्यार्थियों को परम्परागत शिक्षा के साथ-साथ किसी एक क्षेत्र में कौशल प्राप्त करना आवश्यक है। महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. हंसा शुक्ला ने कहा कि विद्यार्थियों के स्वयं की प्रगति के लिये आगे आना होगा एक दूसरों को देख के ही अपनी आजीविका को नहीं चुनना चाहिये, हमें अपनी रूची तथा सक्षमता के साथ रोजगार का चयन करना चाहिये। विद्यार्थियों में सीखने की उत्सुकता ही जीवन में आगे बढ़ने में सहायक होती है।
टीएनपी प्रभारी स.प्रा मनोज पांडेय ने मंच संचालन करते हुये कहा कि कौशल विकास से ही कुशल भारत का निर्माण किया जा सकता है।
आईक्यूएसी प्रभारी डॉ. श्रीमती ज्योति उपाध्याय ने कार्यक्रम के उद्देश्य पर प्रकाश डाला। कौशल विकास व्याख्यान हेतु राजशेखर टेकनीकल हेड तथा डायरेक्टर श्रीमती संगीता सिंघई, कम्प्यूटेक एजूकेशन वेलफेयर सोसाइटी उपस्थित थीं। राजशेखर ने बताया कि सरकार की कौशल विकास योजना के अंतर्गत 10वी पास से लेकर ग्रेज्यूएट पास तक के विद्यार्थियों के लिये अलग-अलग लेवल पर रिटेल, टेक्सटाईल ब्यूटी एंड वेलनेस, आॅटोमोबाईल, मिडिया, इत्यादि क्षेत्र में रोजगारोन्मुखी कोर्स उपलब्ध है।
उन्होने इन कोर्सेस की जानकारी देने के साथ-साथ छात्रों को बताया कि ये तीन से छ: माह के कोर्स है तथा इनको करने के बाद जॉब संभावनायें बढ़ सकतीं है या हम स्वयं का रोजगार भी आरंभ कर सकते है। सरकार द्वारा संचालित कौषल विकास कार्यक्रम में रजिस्ट्रेशन नि:शुल्क है परन्तु सर्टिफिकेट परीक्षा पास करने के बाद ही प्राप्त होता है।
संस्था की डायरेक्टर श्रीमती संगीता सिंघई ने छात्रों को व्यक्तित्व विकास के बारे में बताते हुये कहा कि आत्मविश्वास के साथ अपनी बातों को दूसरों के सामने रखें, जब भी अवसर मिले अपनी बाते कहने की उस समय को जाने ना दें। इसके लिये शिक्षा के साथ-साथ अपने आस-पास की गतिविधियों की जानकारी होना आवश्यक है।
बीएड छात्रा रूबिया ने फॉयर एण्ड सेफटी से संबंधित कोर्स की जानकारी ली तथा मिताली ने आईटी सेक्टर के बारे में पूछा की हाडर्वेयर कोर्स के लिये न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता क्या है। एमएससी की छात्रा निधी ने बेल मेटल शिल्प कला सीखकर, इस क्षेत्र में स्वरोजगार के लिये इच्छा जाहिर की, संस्था के सदस्यों ने छात्रों की जिज्ञासा को षांत करते हुये कहा कि हर लेवल के लिये कोर्स एवं संभावनायें है, आवष्यकता है विद्याथिर्यों के जागरूक होने की।

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