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अंकुश देवांगन बना रहे अनोखी फिल्म, जिस देश में होगी, बन जाएगी वहीं की कहानी

Jun 7, 2018

भिलाई। अंकुश देवांगन यूनीवर्सल फिल्म स्टूडियो मरोदा सेक्टर में मल्टीनेशनल फिल्म पर एक दिवसीय परिचर्चा का आयोजन किया गया, जिसके मुख्य अतिथि पूर्व संसदीय सचिव व विधायक विजय बघेल थे। परिचर्चा में स्क्रीप्ट राईटर लिम्का एवं गोल्डन बुक आॅफ द वर्ल्ड रिकार्ड पुरस्कृत कलाकार अंकुष देवांगन, आर्ट एंड साइंस डायरेक्टर सुप्रसिद्ध माडर्न आर्ट चित्रकार डी.एस. विद्यार्थी, रुआबांधा पार्षद व रंगकर्मी-राजेन्द्र रजक, प्रसिद्ध समाजसेवी-रमेश भारती, प्रवीण कालमेघ, संयोजिका-रुपा साहू, अंतर्राष्ट्रीय थिएटर आर्टिस्ट-अनीता जैन, शिक्षाविद-प्रेमचंद साहू, धीरज कुमार, जीवन लाल साहू, निर्माता-पूर्णानंद देवांगन ने अपने विचार रखे।भिलाई। अंकुश देवांगन यूनीवर्सल फिल्म स्टूडियो मरोदा सेक्टर में मल्टीनेशनल फिल्म पर एक दिवसीय परिचर्चा का आयोजन किया गया, जिसके मुख्य अतिथि पूर्व संसदीय सचिव व विधायक विजय बघेल थे। परिचर्चा में स्क्रीप्ट राईटर लिम्का एवं गोल्डन बुक आॅफ द वर्ल्ड रिकार्ड पुरस्कृत कलाकार अंकुष देवांगन, आर्ट एंड साइंस डायरेक्टर सुप्रसिद्ध माडर्न आर्ट चित्रकार डी.एस. विद्यार्थी, रुआबांधा पार्षद व रंगकर्मी-राजेन्द्र रजक, प्रसिद्ध समाजसेवी-रमेश भारती, प्रवीण कालमेघ, संयोजिका-रुपा साहू, अंतर्राष्ट्रीय थिएटर आर्टिस्ट-अनीता जैन, शिक्षाविद-प्रेमचंद साहू, धीरज कुमार, जीवन लाल साहू, निर्माता-पूर्णानंद देवांगन ने अपने विचार रखे।ज्ञातव्य हो कि भिलाई के ये कलाकार विश्व इतिहास की ऐसी पहली फिल्म बनाने की दिशा में अग्रसर हैं, जिसे जिस देश में रिलीज करेंगे, यह वहीं की कहानी बन जाएगी, हीरो भी वहीं का नागरिक बन जाएगा। तीन वर्षों की कड़ी मेहनत से इस तरह के अभूतपूर्व स्क्रीप्ट का निर्माण अंकुष देवांगन ने किया है। मुख्य अतिथि विजय बघेल जो कि स्वयं एक मंजे हुए रंगकर्मी व फिल्म कलाकार हैं, उन्होंने छत्तीसगढ़ में कम होते टॉकिजों पर चिंता जताते हुए, टूरींग टॉकिजों को भी सरकार द्वारा प्रोत्साहन देने की बात कही। उन्होंने कहा कि टॉकिज से अनेक लोगों को रोजगार मिलता है, जिसके कारण छोटे-छोटे राज्यों में भी फिल्म निर्माण मंडल बनाए गए हैं, ऐसा हमारे राज्य में भी होना चाहिए। भिलाई के कलाकारों द्वारा इस तरह के स्क्रीप्ट बनाए जाने पर उन्होंने इसे फिल्म जगत के लिए मील का पत्थर साबित करते हुए कहा कि यह भविष्य के फिल्मों की दषा और दिषा तय करेगी। इसरो के साइंस को दुनिया में नं-1 दिखाकर देश में पॉजिटीव विचारों की सोच लाना ही अपने आप में महत्वपूर्ण कार्य है, क्योंकि बॉलिवुड में ऐसी फिल्मों का अभाव है। देश के विकास को दिखाना और मल्टीनेशनल फिल्म बनाने का प्रयास करना काबिले तारीफ का काम है, और इसकी जितनी भी प्रशंसा की जाए वह कम है। वे इस फिल्म के नाम की घोषणा मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह द्वारा करवाने तथा विदेश मंत्रालय से मदद दिलवाने हर संभव सहायता करेंगे। परिचर्चा में अंकुष देवांगन ने अपने फिल्म के बारे में विस्तृत जानकारी दी, तो डी.एस. विद्यार्थी ने ब्रम्हांड के रहस्यों पर प्रकाष डाला जिसे वे इस फिल्म में अपनें फेंटासी पेन्टींगों की तरह चित्रित करेंगे। रमेष भारती ने इसे विकसित व सषक्त राष्ट्र बताने वाली पटकथा बताया तो राजेन्द्र रजक ने हॉलिवुड की तरह साइंटिफिक फिल्मों को आज के समय की मांग बताया। अनीता जैन ने भारतीय फिल्मों पर समीक्षा प्रस्तुत की एवं संयोजिका-रुपा साहू ने परिचर्चा का बखूबी संचालन किया।

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