भिलाई। ऐसे समय में जबकि युवा इंजीनियरिंग कोर्सेस में कम्प्यूटर साइंस, आईटी, इलेक्ट्रॉनिक्स तथा कोर ब्रांचेस मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल तथा सिविल इंजीनियरिंग में से ब्रांच सिलेक्ट करने में अपनी रूचि दिखा रहे हैं वहीं ब्रांच चयन तथा इच्छित कॉलेज के अलॉट ने होने से में कुछ युवाओं तथा पालकों में इंजीनियरिंग की एडमिशन को लेकर दुविधा की स्थिति बनी हुई है ऐसी स्थिति में इंजीनियरिंग के क्षेत्र में भविष्य की संभावनाओं को देखते हुए एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग तथा आॅटोमोबाइल इंजीनियरिंग युवाओं के लिये बेहतर विकल्प है।संतोष रूंगटा समूह के डायरेक्टर टेक्निकल डॉ. सौरभ रूंगटा ने बताया कि छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानन्द तकनीकी विश्वविद्यालय, भिलाई से संबद्ध एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग कोर्स में अन्य कृषि विश्वविद्यालयों द्वारा चलाये जा रहे कोर्स से अधिक प्रभावी तथा भिन्नता लिये हुए है। सीएसवीटीयू से संबंद्ध कोर्स के सिलेबस में कृषि की हाईटेक तथा एडवांस तकनीकों पर अधिक जोर दिया गया है। इसके अलावा हाईटेक एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग इक्विपमेंट्स तथा सूचना प्रौद्योगिकी की सहायता से कृषि क्षेत्र में क्रांति हेतु प्रयास किया गया है। इस वजह से कृषि अभियांत्रिकी करने के इच्छुक युवाओं को सीएसवीटीयू का सिलेबस एग्रीकल्चर फील्ड के तकनीकी ज्ञान देने में अधिक सक्षम है वहीं जॉब प्लेसमेंट की भी असीम संभावनाओं को लिये हुए है।
डायरेक्टर एफ एण्ड ए सोनल रूंगटा के अनुसार आॅटोमोबाइल इंजीनियरिंग का भी युवाओं में खासा क्रेज है और इसमें अपना कैरियर बनाने के इच्छुक युवा इस ब्रांच का चयन कर अपने लिये भविष्य की अच्छी संभावनाओं के लिये द्वार खोल सकते हैं। तेजी से ग्रोथ कर रहे आॅटोमोबाईल सेक्टर में रोजगार के लिहाज से बूम आया हुआ है। इसका प्रमुख कारण औद्योगीकरण तथा शहरीकरण की वजह से फोर व्हीलर, टू-व्हीलर तथा माल-वाहकों की संख्या में दिन-दुनी रात-चैगुनी हो रही वृद्धि है।
छ.ग. स्वामी विवेकानन्द तकनीकी विश्वविद्यालय, भिलाई से संबंद्ध इंजीनियरिंग कोर्स की संभावनाओं से भरी इन ब्रांचेस में प्रवेश के इच्छुक युवा राज्य में पीईटी की जारी काउंसिलिंग के माध्यम से प्रवेश प्राप्त कर सकते हैं।