भिलाई। कालजयी लोकनाट्यों के निर्देशक-रामहृदय तिवारी का विमोचन अंचल के सुप्रसिद्ध संत राजन शर्मा ने किया था। यह पुस्तक इसलिए भी सराही जा रही है क्योंकि इसमें लोकनाट्य व लोकमंचों से संबंधित शोधार्थियों के लिए भरपूर सामग्री है। इसमें अलग- अलग खंडों में सामग्री का समग्रता से समावेश है। ज्ञात हो कि अंचल के वरिष्ठ निर्देशक रामहृदय तिवारी पर केन्द्रित पुस्तक हाल ही में प्रकाशित की गई है। इसमें श्री तिवारी के व्यक्तित्व व कृतित्व पर विस्तार से प्रकाश डाला गया है। इसमें उनके कुछ साक्षात्कार में लोकमंचों व लोकसंस्कृति पर गहराई से विचार रखे गए हैं। श्री तिवारी लिखित शोधपूर्ण आलेख संबंधित विषयों पर नए आयाम उद्घाटित करते हंै। पुस्तक पढ़ने वालों की प्रतिक्रिया है कि अंचल की किसी शख्सियत पर इतनी समग्रता से प्रकाशित यह संभवत: पहली पुस्तक है।
इस पुस्तक को सांसद ताम्रध्वज साहू और विधायक अरुण वोरा को प्रस्तावना लेखक डॉ. विनायक मेश्राम, वरिष्ठ निर्देशक रामहृदय तिवारी व पुस्तक के संपादक राजेन्द्र सोनबोइर ने भेंट किया। उन्होंने पुस्तक की सामग्री की सराहना करते हुए इसे आने वाली पीढ़ी के लिए उपयोगी बताया।