भिलाई। भिलाई जिला कांग्रेस की मांग सीधे कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के सामने उठाने का यह नतीजा निकला है कि 25 साल के टालमटोल के बाद अंतत: भिलाई जिला कांग्रेस का प्रस्ताव पीसीसी ने पारित कर दिया है। इसके साथ ही भिलाई जिला कांग्रेस के गठन का मार्ग प्रशस्त हो गया है। श्री जायसवाल ने कहा कि यह है कांग्रेस के नए अध्यक्ष का स्टाइल। उनके यहां न तो देर है और न ही अंधेर है। लाग लपेट और घुमाव फिराव की भाषा बोलने के बजाय वे ठोस काम करने में यकीन करते हैं। भिलाई जिला कांग्रेस की मांग करने वाले कई नेता आज हमारे बीच नहीं रहे। पर श्री राहुल गांधी ने उन सबकी इच्छा को पूरा कर भिलाई के कांग्रेसियों को मान दिया है।उल्लेखनीय है कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व सचिव महेश जायसवाल ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के सामने इसकी मांग सार्वजनिक रूप से उस समय उठाई थी जब वे अपने संवाद कार्यक्रम के तहत दुर्ग में कांग्रेसजनों के बीच पहुंचे थे। उनके साथ प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया भी थे। नेता द्वय ने उसी समय मंच से कह दिया था कि मांग जायज है और इसे जल्द पूरा कर दिया जाएगा।
श्री जायसवाल ने इसके बाद भी अपने स्तर पर प्रयास जारी रखा। पीसीसी और एआईसीसी को पत्र लिखने के अलावा केन्द्र से आने वाले कांग्रेसजनों के सामने इस बात को दोहराते रहे। हाल ही में जब कांग्रेस सेवादल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालजीभाई देसाई भिलाई पहुंचे तो उन्होंने दोबारा इसकी चर्चा छेड़ते हुए उनसे सहयोग की अपील की। श्री देसाई ने कहा कि यह सेवादल का मामला नहीं है। वे इस मांग को उचित फोरम तक पहुंचा देंगे।
श्री जायसवाल ने बताया कि इस मांग को दोबारा मजबूती से उठाने में समाचार पत्रों का भी भरपूर सहयोग मिला। रविवार को प्रदेश कांग्रेस की बैठक में अंतत: भिलाई जिला कांग्रेस के गठन को मंजूरी दे दी गई। इस बैठक में पीसीसी अध्यक्ष भूपेश बघेल, नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव, सांसद ताम्रध्वज साहू, पूर्व नेता प्रतिपक्ष रविन्द्र चौबे, एआईसीसी सचिव चंदन यादव, मोहम्मद अकबर, कवासी लखमा, कार्यकारी अध्यक्ष रामदयाल उइके एवं शिव डहरिया उपस्थित थे।
श्री जायसवाल ने ढाई दशक से भी अधिक समय से लंबित इस मांग को पूरा करने पर पीसीसी के नेताओं के साथ ही केन्द्रीय नेतृत्व के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की है।