भिलाई। वर्तमान समय में बढ़ती बेरोजगारी को देखते हुए शिक्षा भले ही युवाओं को रोजगार मुहैया कराने में कामयाब न हो रही हो, लेकिन कंप्यूटर ने इतने विकल्प खोल दिए हैं, जिससे कोई भी बेरोजगार नहीं रह सकता है। वहीं सरकार ने लिपिक वर्ग से लेकर अन्य पदों की भर्ती में कंप्यूटर प्रशिक्षण को अनिवार्य घोषित करके रही-बची कसर भी पूरी कर दी है। कंप्यूटर शिक्षा की बढ़ती मांग और उपयोगिता को देखते हुए कंप्यूटर सेंटरों की ओर युवक- युवतियों का रुझान बढ़ने लगा है। कंप्यूटर के मासिक प्रशिक्षण के साथ एक और दो वर्षीय पाठ्यक्रम सीखने के लिए युवा वर्ग जागरूक हो रहा है। स्कूली शिक्षा के साथ कंप्यूटर ज्ञान मुफीद मानते हुए हर कोई इसकी ओर बढ़ रहा है। छात्रा कंचन गुप्ता का कहना है कि विभिन्न विभागों में कंप्यूटर की अनिवार्यता लागू हो जाने से उन्होंने कंप्यूटर प्रशिक्षण लेना जरूरी समझा और वह इस समय इसी के मुताबिक कम्प्यूटर सीख रहीं हैं।
वहीं गृहिणी ज्योति श्रीवास्तव का मानना है कि ओ लेवल का प्रशिक्षण बैंकिंग के लिए बहुत उपयोगी होता है। यह एक वर्षीय कोर्स है। इसके हर छमाही दो-दो पेपर हाते हैं। नौकरी के लिए यह कोर्स बहुत फायदेमंद है। अब कंप्यूटर ही रोजगार देने में सक्षम है।
छात्रा किरनदीप कौर ने बताया कि वह कंप्यूटर शिक्षा को बहुत महत्व देती हैं। वह डीसीएस पाठ्यक्रम तैयार कर रही हैं। यह डिजाइनिंग के साथ साफ्टवेयर डेवलेपमेंट में सहायक है।
सुनव्वर खां बीए फाइनल कर चुके हैं और इन दिनों कंप्यूटर सीखने में मशगूल हैं। बोले: आज के समय में कंप्यूटर ही रोजगार देने में सक्षम हैं। कंप्यूटर सीखकर नौकरी की तलाश आसान हो जाती है। वह ओ लेवल को अधिक महत्वपूर्ण मानते हैं।
छात्र सैयद उवैस खां ने बताया कि कम्प्यूटर कोर्स के बाद जॉब मिलने की गारंटी है। किसी भी विभाग में लिपिकीय पद के लिए यह कोर्स बहुत उपयोगी साबित होता है।