भिलाई। प्रौद्योगिकी की बढ़ती जरूरतों के साथ तालमेल रखने के लिए श्री शंकराचार्य टेक्निकल कैम्पस जुनवानी के फैकल्टी आॅफ इंजीनियरिंग के इन्फोरमेशन टेक्नोलॉजी विभाग द्वारा निरंतर शिक्षा कार्यक्रम के तहत एंड्राइड एप्लिकेशन डेवलपमेंट कार्यक्रम आयोजित किया है। यह कार्यशाला आर्डेंट कंप्यूटर प्राइवेट लिमिटेड कलकत्ता के सहयोग से एचपी के तत्वाकधान में आयोजित किया गया है। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य छात्रों के लिए निर्बाध तरीके से सीखने की अवधारणा का माहौल प्रदान करना है, जैसे रेडी सेट स्किल अप गो।यह कोर्स सत्र और लैब असाइनमेंट की एक श्रृंखला प्रदान करता है जो मोबाइल एप्लिकेशन को कोड, डीबग और तैनात करने के लिए उपयोग की जाने वाली एंड्रॉइड सुविधाओं को समझाता है। इस कायर्षाला में लैब वर्क, एसाइनमेंट, हैंडस.आन एक्सपोसर तथा प्रोजेक्ट वर्क का लाभ प्रतिभागियों को मिलेगा। पाठ्यक्रम की अवधि तीन सप्ताह है।
इस कोर्स के पूरा होने पर छात्र एंड्रॉइड प्लेटफॉर्म आकिर्टेक्चर को समझ एंड्रॉइड एप्लिकेशन को डिजाइन, डेवलप, डिबग और तैनात करने में सक्षम होंगे। एंड्रॉइड एसडीके के एमुलेटर का उपयोग अनुप्रयोगों का परीक्षण और डिबग करने के लिए करना, अंतर्निहित विचारों और लेआउट के साथ इंटरफेस का निर्माण करना, यूजर इंटरफेस और लेआउट, डेटा बेस विकसित करना, वेब सेवाओं का उपयोग कर सर्वर के साथ इंटरैक्ट करना जैसे कई कार्य छात्र सीख सकेंगे।
सुश्री पल्लबी साहा आर्डेंट कंप्यूटर प्राइवेट लिमिटेड, कोलकाता से जुड़ी ट्रेनर ने प्रतिभागियों को जागरूकता प्रदान करते हुए बताया कि कैसे मोबाइल आधारित ऐप्स और फेसबुक ऐप्स विकसित किए जाते हैं।
एसजीईएस के चेयरमैन आईपी मिश्रा, अध्यक्ष श्रीमती जया मिश्रा ने आयोजन समिति को बधाई दी और विभाग की पहल की सराहना की। उन्होंने प्रशिक्षण के महत्व को अपने मूल्यवान विचारों से साझा किया। डॉ पीबी देशमुख, निदेशक एसएसटीसी ने सभी प्राध्यापकगण को इस आयोजन के लिए बधाई दी। उन्होंने इस कार्यक्रम को छात्रों के लिए बहुआयामी रूप से उपयोगी बताया।
आईटी के विभागाध्यक्ष डॉ जसपाल बग्गा ने कहा कि छात्र एंड्रॉइड एप्लिकेशन सुरक्षित करना, मल्टीमीडिया एंड्रॉइड एप्लिकेशन और लोकेशन.आधारित एप्लिकेशन बनाना सीख सकेंगे। यह छत्तीसगढ़ प्रदेश के लिए गौरव की बात है कि श्री शंकराचार्य टेक्निकल कैम्पस के सूचना प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा इस कायर्शाला का आयोजन किया जा रहा है।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के समन्वयक सहायक प्राध्याापक केवी रवि कुमार और सहायक प्राध्यापक आशीष साहू ने बताया कि छात्रों को दोहरी प्रमाणीकरण, कोर्स समापन प्रमाण पत्र और एचपी से ग्लोबल सर्टिफिकेट प्राप्तइ होंगे जो उनके आगामी भविष्य की परियोजनाओं के लिए बहुत उपयोगी होंगे।