ब्लाक कमेटी में आवेदन से पहले लेनी होगी एनओसी, कांग्रेस भवन के लिए भी देना होगा अलग से चंदा
भिलाई/रायपुर। प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने एक ही तीर से कई शिकार कर डाले हैं। 15 वर्षों से सत्ता से बाहर रहने के बाद पार्टी की माली हालत बहुत खराब है। पीसीसी ने स्थिति सुधारने के लिए विधानसभा चुनावों में दावेदारी करने वालों के लिए एक ऐसी शर्त रखी है जिससे पार्टी के कई मसले एक साथ हल हो जाएंगे।पीसीसी सूत्रों ने बताया कि पार्टी द्वारा प्रत्येक वर्ष सदस्यता अभियान चलाया जाता है। इसके लिए पार्टी सदस्यता बुक जारी करती है। बहुत कम नेता ही ऐसे होते हैं जो सदस्यता बुक के साथ उसकी राशि समय पर पीसीसी को लौटाते हैं। इस बार इस व्यवस्था को पटरी पर लाने की कवायद की जा रही है।
पीसीसी ने विधानसभा चुनावों में कांग्रेस टिकट के दावेदारों से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेने को कहा है। पीसीसी के कार्यालय मंत्री गिरीश देवांगन ने पत्र लिखकर सभी ब्लाक अध्यक्षों को निर्देश दिया है कि वे टिकटाथिर्यों के आवेदन बिना नो ड्यूज सर्टिफिकेट के जमा न लें। नो ड्यूज पीसीसी के कोषाध्यक्ष जारी करेंगे।
‘नो ड्यूज’ का यह है मतलब
टिकटार्थी को कांग्रेस का सक्रिय सदस्य होना चाहिए। इसकी फीस जमा होनी चाहिए। साथ ही यदि उसने सदस्यता अभियान में योगदान किया है तो उसे जारी किए गए सदस्यता बुक मय राशि पीसीसी में जमा होना चाहिए। इसके अलावा कांग्रेस भवन के निर्माण के लिए उसे स्वेच्छा से अंशदान करना चाहिए। ऐसा करने वालों को ही पीसीसी नो ड्यूज सर्टिफिकेट जारी करेगा।
लाखों में जमा करा रहे राशि
आदेश जारी होते ही टिकटाथिर्यों ने अपना दमखम दिखाना शुरू कर दिया है। सदस्यता बुक को मय राशि के जमा करवाने, अपनी सदस्यता का शुल्क देने के साथ ही वे कांग्रेस भवन के निर्माण के लिए भी अच्छी खासी रकम जमा करवा रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक यह राशि 10 हजार से लेकर 2-3 लाख रुपए तक है।
एक तीर से तीन शिकार
पीसीसी सूत्रों ने बताया कि इसका सबसे बड़ा लाभ यह हुआ है कि दावेदारों की संख्या कम हो गई है। दूसरा बड़ा फायदा यह हो रहा है कि सदस्यता बुक मय राशि जमा होने लगी है। अब तक यह राशि 10-25 हजार रुपए तक प्रति व्यक्ति पहुंची रही है। तीसरा फायदा यह हो रहा है कि कांग्रेस भवन के निर्माण के लिए सक्षम दावेदार मोटी राशि जमा करा रहे हैं। उम्मीद है कि टिकट आवंटन के पहले तक पीसीसी के पास एक सम्मानजनक राशि आ जाएगी।
कबाड़ में खोज रहे सदस्यता बुक
स्थानीय कांग्रेसजनों ने बताया कि सदस्यता बुक को अधिकांश नेताओं ने कभी सीरियसली नहीं लिया। लोग अपनी गाडि?ों की डिकी में, कार के ग्लव कम्पाटर्मेंट में, घर की आलमारियों में सदस्यता बुक तलाश रहे हैं। एनओसी लेने और दावेदारी करने के लिए ज्यादा समय नहीं है इसलिए सब काम छोड़कर पहले यही काम कर रहे हैं।