भिलाई। भिलाई इस्पात संयंत्र की एक महत्वपूर्ण इकाई है प्लेट मिल, जहाँ 8 से 120 मिलीमीटर मोटी गुणात्मक प्लेटों की रोलिंग की जाती है। विभिन्न वर्षों में प्लेट मिल ने कई उपलब्धियाँ प्राप्त की हैं। रोलिंग के कई रिकॉर्ड अपने नाम किया है। यह सब संभव हुआ है प्लेट मिल के सृजनशील बिरादरी के निरंतर किये गये अभिनव मॉडिफिकेशंस व क्रिएटिव कार्यों के चलते। इसी क्रम में प्लेट मिल के सृजनशील कार्मिकों ने रोल गैप मेजरमेंट हेतु ‘साफ्टवेयर डॉयल’ का इजाद किया। तकनीकी उन्नयन का यह कार्य प्लेट मिल के महाप्रबंधक ए के सिंह के मार्गदर्शन में तथा उप महाप्रबंधक (विद्युत) एस के वर्मा के नेतृत्व में विभाग के 6 कार्मिकगण बलदेव प्रसाद सेन (सीनियर तकनीशियन), बलविन्दर सिंह (सीनियर तकनीशियन), राजन प्रवीण दयाल (तकनीशियन), ललिल कुमार नायक (तकनीशियन), पी के सिंह (सीनियर आॅपरेटर) एवं चंदन लाल ठाकरे (तकनीशियन) की टीम ने किया।
प्लेट मिल में रोलिंग के दौरान प्लेट की मोटाई हेतु रोल गैप समायोजन तथा रोल फोर्स/रोल थिकनेस का मापन मेकेनिकल डॉयल से किया जाता था। जिससे रोलिंग आॅपरेटर को तेज गति से रोलिंग करने में असुविधा होती थी। इस समस्या से निजात पाने के लिए टीम प्लेट मिल ने रोल गैप व थिकनेस मापने के लिए एक आॅटोमेटिक साफ्टवेयर डायल का निर्माण किया। इस हेतु आवश्यक पीएलसी प्रोग्रामिंग करने के साथ-साथ एचएमआई कम्प्यूटर स्क्रीन व डायल की समुचित डिजाइनिंग की। इसके फलस्वरूप जहाँ मिल उपलब्धता में वृद्धि हुई वहीं यील्ड बढ़ने के साथ ही स्पेशल क्वालिटी प्लेट प्रोडक्शन में वृद्धि हुई। साथ ही संयंत्र के लिए बहुमूल्य आर्थिक बचत संभव हुआ।
इस इनोवेटिव कार्य हेतु प्लेट मिल की इस टीम को भारत सरकार के श्रम मंत्रालय द्वारा हाल ही में घोषित विश्वकर्मा राष्ट्रीय पुरस्कार दिये जाने की घोषणा की गई है।