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महिलाओं के लिए यदि भारत नहीं तो दुनिया का कोई भी देश सुरक्षित नहीं : मनीष

Aug 6, 2018

Manish Pandey speaks on safety of women in Indiaभिलाई। यंगिस्तान के चेयरमैन मनीष पाण्डेय ने कहा कि यदि महिलाओं के लिए भारत सुरक्षित नहीं है तो दुनिया का कोई भी देश सुरक्षित नहीं हैं। मनीष यहां सिविक सेन्टर में हस्तशिल्प प्रदर्शनी का उद्घाटन करने के बाद मिस इंडिया यूनिवर्स दलजीत कौर, फैशनिस्ता की संचालक मैगी पिंकी एवं पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे। मनीष पाण्डेय ने कहा कि जब हम भारत की तुलना दुनिया के अन्य विकसित देशों से करते हैं तो हम यह भूल जाते हैं कि उन देशों में कहीं 5-7 लाख तो कहीं 6-8 करोड़ की जनसंख्या है। इसके मुकाबले भारत 135 करोड़ लोगों का देश है।  विकसित देशों के भी कई ऐसे इलाके हैं जो महिलाओं के लिए ‘अनसेफ’ हैं।Miss Universe Daljeet Kaur feels India safe for womenमनीष पाण्डेय ने कहा कि भारत दुनिया का एकमात्र ऐसा देश है जहां स्त्री को सर्वोच्च सम्मान दिया जाता है। यहां कन्याओं और देवियों की पूजा होती है। उन्होंने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए सभी को मिलकर प्रयास करना होगा। आज भारतीय महिलाएं प्रत्येक क्षेत्र में आगे आ रही हैं और पुरुषों को कड़ी चुनौती दे रही हैं। यदि सुरक्षा का माहौल नहीं होता तो यह संभव नहीं था।
मिस यूनिवर्स दलजीत कौर ने कहा कि वे देश के कोने-कोने तक अकेले यात्रा करती हैं। उन्हें स्वयं पर और अपने देशवासियों पर भरोसा है। इस बीच केवल दिल्ली में एक बार वे असहज हुर्इं थीं। वे रात को कैब के इंतजार में पेवमेंट पर खड़ी थीं। तभी एक कार आकर उनसे कुछ आगे रुकी। एक और कार आकर उनसे कुछ पीछे रुक गई। खतरा भांपकर उन्होंने अपना सेलफोन कान से लगाया और झूठमूठ का पुलिस से बात करने लगी। थोड़ी ही देर में दोनों गाड़ियों चुपचाप चली गर्इं। उन्होंने कहा कि जब हम घर से बाहर निकलेंगे तो कई प्रकार के खतरे होंगे। हमें स्वयं को सुरक्षित रखना सीखना होगा।
मैगी पिंकी ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पुलिस के साथ ही समाज को भी आगे आना होगा। मीडिया को भी चाहिए कि कुछ विकृत मानसिकता वाले लोगों की हरकतों को आधार बनाकर पूरे पुरुष समाज को कटघरे में खड़ा न करे। इससे हमारा ध्यान मूल विषय से हट जाता है और हम सही दिशा में सोच नहीं पाते। दिल दहला देने वाली जो भी घटनाएं हो रही हैं उन्हें कानून बनाकर रोका नहीं जा सकता। वे मनोरोगी हैं और समाज की मुख्यधारा से कटे हुए लोग हैं।
चर्चा में दीपक रंजन दास, अर्चना सोनी, प्रकृति दास सहित अन्य लोगों ने भी सक्रिय भागीदारी दी और यंगिस्तान चेयरमैन मनीष पाण्डेय से सहमति व्यक्त की।

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