भिलाई। स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय में विद्यार्थियों ने शिक्षक दिवस के अवसर पर शिक्षकों का सम्मान पुष्प एवं पेन देकर किया। उन्होंने अपने टीचर्स पर एक वीडियो का भी प्रदर्शन किया। कार्यक्रम का शुभारंभ सीओओ डॉ. दीपक शर्मा, शंकराचार्य नर्सिंग महाविद्यालय की सीओओ डॉ. मोनिशा शर्मा, प्राचार्य डॉ. हंसा शुक्ला ने दीप प्रज्जलवित कर किया। मुख्य अतिथि डॉ. दीपक शर्मा ने विद्यार्थियों को शिक्षक दिवस की बधाई देते हुए कहा कि शिक्षक ही एकमात्र ऐसा व्यक्ति है जो विद्यार्थियों की सफलता पर गौरव का अनुभव करता है। वह न केवल विषय की शिक्षा देता है बल्कि विद्यार्थियों को देश का जिम्मेदार नागरिक भी बनाता है। शंकराचार्य महाविद्यालय कि सीओओ डॉ. मोनिशा शर्मा ने कहा कि शिक्षक और विद्यार्थियों को अपने-अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए। सभी शिक्षकों ने अपने विचार प्रकट किये।
प्राचार्य डॉ. हंसा शुक्ला ने इस अवसर पर एकलव्य, अर्जुन एवं द्रोणाचार्य का उदाहरण देकर बताया कि कोई गुरु अच्छा गुरु तभी बना पाता है जब उसके शिष्य अच्छे होते है। गुरु के बिना शिष्य और शिष्य के बिना गुरु अधूरे हैं। उन्होंने अपनी लिखी कविता भी सुनाई।
बी.एस.सी. प्रथम वर्ष की छात्रा निकिता ने शिक्षकों पर अपने विचार प्रकट किया। बी.एस.सी. प्रथम के छात्र शिव कुमार ने एकल नृत्य तथा एम.एस.सी. की छात्रा आकांक्षा ने गायन प्रस्तुत किया। इस प्रकार विद्यार्थियों द्वारा शिक्षकों के लिये रोचक एवं मनोरंजक खेलों का आयोजन किया गया जैसे एक मिनट में गुब्बारे फुलाना और फोड़ना, हिन्दी फिल्मों के प्रसिद्ध डायलॉग को अंग्रेजी में लिखा गया था जिसे पहचान कर डायलॉग को और फिल्म के नाम को बताना था एवं पासिंग द पार्सल गेम में सभी शिक्षकों ने भाग लिया। बीसीए अंतिम की छात्रा दीप्ती सिंग ने प्राचार्य एवं सभी शिक्षकों को समर्पित वीडियो का प्रदर्शन किया।
इस अवसर पर शिक्षा विभाग के इंडक्शन कार्यक्रम एवं शिक्षक दिवस का संयुक्त आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में डॉ. दीपक शर्मा, विशिष्ट अतिथि के रुप में डॉ. मोनिषा शर्मा सीओओ शंकराचार्य नर्सिंग कॉलेज तथा अध्यक्षता प्राचार्य डॉ. हंसा शुक्ला ने की। शिक्षा विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. पूनम निकुंभ ने नवप्रवेषित छात्रों का महाविद्यालय परिसर में स्वागत किया।
डॉ हंसा शुक्ला ने कहा कि बी.एड. एक ट्रेनिंग प्रोग्राम है जिसमें आपको शिक्षक से संबंधित सभी आयामों का प्रशिक्षण दिया जायेगा जिससे आप अच्छे एवं सफल शिक्षक बन सके।
मुख्य अतिथि डॉ. दीपक शर्मा ने कहा कि इस महाविद्यालय में प्रवेश लेकर बच्चों ने जो विश्वास जताया है, प्रबंधन की कोशिश होगी कि वह इसपर खरा उतर सके।
विशिष्ट अतिथि डॉ. मोनिषा शर्मा ने कहा कि शिक्षक के लिये अनुशासन जरूरी है क्योंकि उसका व्यक्तित्व ही उनके समग्र को प्रस्तुत करता है। अत: उनको अपनी वेशभूषा आचार व्यवहार को संयमित रखना चाहिए।