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स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय में एफएसएनएल के सहयोग से आयोजित हिन्दी सप्ताह का समापन

Sep 24, 2018

FSNL-Rajbhashaभिलाई। स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय, आमदी नगर हुडको, भिलाई में हिन्दी विभाग एवं फेरो स्क्रैप निगम लिमिटेड के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित हिन्दी सप्ताह का समापन एवं पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन फेरो स्क्रैप निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेषक राजीव भट्टाचार्य के मुख्य आतिथ्य में संपन्न हुआ कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. मोनिषा शर्मा, सीओओ, श्री शंकराचार्य नर्सिग महाविद्यालय ने की। FSNL SSSSMV Hindiविशेष अतिथि के रूप में सहायक प्रबंधक कार्मिक एवं प्रशासन वीवी सत्यनारायण, राजभाषा अधिकारी फेरो स्क्रैप निगम लिमिटेड छगनलाल नागवंशी तथा स्वरूपानंद महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. श्रीमती हंसा शुक्ला उपस्थित हुर्इं। कार्यक्रम की संयोजिका डॉ. सुनीता वर्मा विभागाध्यक्ष हिन्दी थीं। कार्यक्रम में मंच संचालन श्रीमती नीलम गांधी विभागाध्यक्ष वाणिज्य।
कार्यक्रम के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुये डॉ. श्रीमती सुनीता वर्मा ने कहा भारत में सत्तर से अस्सी प्रतिशत लोग हिन्दी बोल व समझ लेते हैं फिर भी हिन्दी को आजादी के सत्तर वर्ष बाद भी अपेक्षित सम्मान नहीं दिला पाये हैं। हिन्दी भाषा का अध्यापन चुनौतीपूर्ण हो गया है कारण अभी भी हिन्दी शिक्षा अनुसंधान प्रौद्योगिकी और सबसे बढ़कर रोजगार की भाषा नहीं बन पाई हैं। जिस दिन हिन्दी रोजगार की भाषा बनेगी उस दिन वह स्वत: राष्ट्रभाषा के पद पर आसीन हो जायेगी।
प्राचार्य डॉ. हंसा शुक्ला ने छात्रों को उद्बोधित करते हुये कहा हमारे लिये पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी बाजपेयी अनुकरणिय हैं जिन्होंने हिन्दी में संयुक्त राष्ट्रसंघ में हिन्दी में भाषण दिया। राष्ट्रभाषा के बिना देश गूंगा है हिन्दी संप्रेषण की भाषा है इसका उपयोग हम आत्मविश्वास से करें। हिन्दी विश्व की तीसरी सबसे ज्यादा बोलने वाली भाषा है और यह विश्व भाषा जरूर बनेगी।
श्री वी.वी.सत्यनारायण ने अपने उद्बोधन में कहा हमारी जनसंख्या हमारी ताकत बन गई है आज सम्पूर्ण विश्व भारत में बाजार तलाश रहा है ऐसे में अपने उतपाद बेचने के लिये विश्व को हमारी हिन्दी भाषा को अपनाना पड़ेगा।
अपने आतिथ्य उद्बोधन में श्री राजीव भट्टाचार्य ने कहा आज उड़ीसा, आंध्रप्रदेश और केरल जैसे अहिन्दी भाषी प्रदेश में भी हिन्दी बोली व समझी जाने लगी है। आज विदेशी भी जब अपना मशीन बेचने आते हैं तो इतना समझ लेते है कि हिन्दी सीखे बिना भारत में काम नहीं चल सकता। उन्होने कहा हिन्दी को बोलचाल की भाषा रखें इससे उसका प्रचार-प्रसार अधिक होगा। थोड़ा बहुत अंग्रेजी भी चलता है। अंग्रेजी जानने मात्र से काम नहीं चलता। मारिशस में आयोजित विश्व हिन्दी सम्मेलन के अपने अनुभवों को साझा करते हुये कहा मारिशस में सभी हिन्दी बोलते हैं। वहां के राष्ट्रपति ने कहा अगर हिन्दी का प्रचार-प्रसार करना है तो बच्चों की किताब हिन्दी में होनी चाहिये जिससे बच्चे बचपन से हिन्दी सिखेंगे श्री भट्टाचार्य ने कहा बहुत जरूरी है वहां अंग्रेजी का प्रयोग करें जहां जरूरी नहीं है वहां अपनी भाषा का प्रयोग करें।
राष्ट्रभाशा अधिकारी छगनलाल नागवंशी ने कहा दिये में घी कम होता है तो बत्ती जल जाती है वैसे ही हमें घी और बत्ती के समान सामंजस्य स्थापित करते हुये हिन्दी को आगे बढ़ाना होगा।
अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में डॉ. मोनिशा शर्मा ने कहा स्वतंत्रता से पूर्व ब्रिटिश राज्य में जीवन यापन के लिये अंग्रेजी आना जरूरी था इसलिये लोगों ने अंग्रजी पढ़ना शुरू किया जिससे रोजगार मिले परन्तु हिन्दी है हम, वतन है हिन्दुस्तान हमारा, हिन्दी हमारी अस्तित्व की पहचान है। हमें हिन्दी को पहचान दिलाना है इसे विश्व पटल पर ले जाना है तो पहले हमें स्वयं हिन्दी को अपनाना होगा। भारत योग और आर्युवेद के नाम से जाना जाता है यह विदेषी अपना रहे है हम भूलते जा रहे हैं ऐसा न हो हिन्दी का प्रयोग जब विदेषी करना शुरू करें तब हम इसका उपयोग करें। जब हम अपनी भाषा को महत्व देगें तभी इसका विश्वयापी प्रचार-प्रसार होगा।
हिन्दी सप्ताह में विविध प्रतिस्पर्धा का आयोजन किया गया जिसमें चयनित प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया प्रतिभागियों के नाम इस प्रकार हैं। कार्टूनिंग में दामिनी राउते (प्रथम), हेमलता साहू (द्वितीय), धनेष्वरी साहू, (तृतीय), रेणुका साहू (सांत्वना)। पत्र लेखन में खुषी जैन (प्रथम), बबली यादव (द्वितीय), धनेष्वरी साहू (तृतीय), रेणुका साहू, (सांत्वना)। स्लोगन में दामिनी राउते (प्रथम), होमेन्द्र, (द्वितीय), हेमलता साहू (तृतीय) खुशबू पटेल (सांत्वना)। कोलॉज में दामिनी राउते (प्रथम), रेणुका साहू (द्वितीय), स्वाति साहू (तृतीय), हेमलता साहू (सांत्वना)। कहानी लेखन दीपमाला सिंह (प्रथम), रोशनी गौतम (द्वितीय), खुशी जैन (तृतीय), शिवानी तिवारी (सांत्वना)। भाषण प्रतियोगिता में निकिता प्रकाश घोड़मारे (प्रथम), ऐश्वर्या राजपूत (द्वितीय) शुभी बाजपेयी (तृतीय) प्रियंका चौहान (सांत्वना) वही प्रश्न मंच में अपभ्रंश समूह शिक्षा विभाग (प्रथम), पाली समूह गणित विभाग (द्वितीय), अवहट्ट बी.कॉम (तृतीय), प्राकृत समूह बीबीए (सांत्वना)।
कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्राध्यापक/प्राध्यापिकायें व छात्र-छात्रायें उपस्थित हुये।

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