भिलाई। एमजे कालेज की निदेशक श्रीमती श्रीलेखा विरुलकर ने शिक्षक दिवस के मौके पर आज शिक्षकों का आह्वान किया कि वे अपने कम्फर्ट जोन से निकलें। उन्होंने अपने अनुभवों एवं ज्ञान से बच्चों को तराशने का अवसर मिला है। इसका सदुपयोग कर बेहतर नागरिक गढ़ने में अपना योगदान करें। श्रीमती विरुलकर महाविद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा आयोजित शिक्षक दिवस समारोह को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने दो बाजों की कहानी सुनाते हुए अपनी बात को रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि एक बार एक बहेलिया राजा को तोहफे में दो बाज दे गया। राजा ने उन बाजों के बेहतरीन परिवरिश एवं प्रशिक्षण की व्यवस्था की। एक बाज तो प्रशिक्षित होकर आसमान में ऊंची उड़ाने भरने लगा और कलाबाजियां दिखाने लगा पर दूसरा बाज जिस शाख पर बैठा रहता, वहीं बैठे बैठे इस बाज को करतब करते देखता रहता। राजा को इस बात का अत्यंत दुख था। उसने मुनादी करवा दी कि जो भी कोई दूसरे बाज को भी प्रशिक्षित कर देगा उसे वे ईनाम देंगे। सबने कोशिश की पर हार गए। फिर एक दिन एक मंत्री राजा के पास पहुंचा और उन्हें बाहर चलने को कहा। राजा ने बाहर जाकर देखा कि दोनों बाज हवा में ऊंचा उड़ रहे थे और कलाबाजियां दिखा रहे थे। चकित राजा ने मंत्री से पूछा कि उसने ऐसा कैसे कर दिया। मंत्री ने एक गरीब किसान को आगे कर दिया। किसान ने कहा कि उसने तो बस इतना किया कि बाज जिस शाख पर बैठा रहता था, उसे उसने काट दिया है।
अपना आशय स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा कि जिस तरह दूसरे बाज में भी उड़ने की क्षमता पहले वाले बाज जैसी ही थी पर वह शाख पर बैठे टुकुर टुकुर देखता रहता था, ठीक उसी तरह हममें से प्रत्येक शिक्षक में असीम क्षमताएं हैं। पर हम कम्फर्ट जोन छोड़कर उसे आजमाते नहीं हैं। यदि हम कम्फर्ट जोन छोड़ दें तो हमारी क्षमताओं का भी पूरा-पूरा इस्तेमाल होगा और उसके बेहतरीन नतीजे आएंगे। उन्होंने बच्चों को बेहतरीन आयोजन के लिए बधाई दी।
विद्यार्थियों ने इस अवसर पर शिक्षकों के आईक्यू और जीके की परीक्षा ली जिसने शिक्षकों को खूब छकाया। इसके बाद शिक्षकों से रैंप वाक भी करवाया गया। शिक्षकों ने गीत भी प्रस्तुत किए। मौके पर प्राचार्य डॉ कुबेर गुरुपंच, एनएसएस प्रभारी डॉ कन्नौजे, विभागाध्यक्ष डॉ श्वेता भाटिया, अर्चना त्रिपाठी, शकुंतला जलकारे, उर्मिला यादव, परविन्दर कौर, रीता चौबे, मंजू साहू, ममता राहुल, चरनीत संधु, अंजुम शाहीन, पूजा केसरी, आशीष सोनी सहित महाविद्यालय परिवार शामिल हुआ।