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उच्च शिक्षा मंत्री ने सफलता के लिए धैर्य को बताया महत्वपूर्ण, बच्चों के सवालों का दिया जवाब

Sep 2, 2018

Prem Prakash Pandeyदुर्ग। धैर्यवान विद्यार्थी ही जीवन में सफल होता है। वर्तमान युवा पीढ़ी में धैर्य का अभाव देखा जा रहा है। किसी भी लक्ष्य की प्राप्ति हेतु दृढ़ निश्चय, साहस, लगन एवं ईमानदारी अति आवश्यक है। ये उद्गार छत्तीसगढ़ शासन के उच्चशिक्षा, तकनीकी शिक्षा, आपदा प्रबंधन, राजस्व मंत्री प्रेम प्रकाश पाण्डेय ने शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय में व्यक्त किये। श्री पाण्डेय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा प्रायोजित 5 दिवसीय इंस्पायर इंटर्नशिप साइंस कैम्प के समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में छत्तीसगढ़ के विभिन्न अंचलों से आये हायर सेकेण्डरी स्तर के लगभग 200 विद्यार्थियों एवं बड़ी संख्या में उपस्थित महाविद्यालय के प्राध्यापकों को संबोधित कर रहे थे। श्री पाण्डेय ने अपने शालेय जीवन की यादें ताजा करते हुए उपस्थित प्रतिभागियों को बताया कि शिक्षा को भाषा से नहीं बल्कि ज्ञान से तौला जाना चाहिए। भाषाओं के ऐतिहासिक महत्व पर प्रकाश डालते हुए श्री पाण्डेय ने कहा आगे बढ़ने हेतु प्रत्येक व्यक्ति को रिस्क लेना आवश्यक है। विद्यार्थियों को किसी भी तथ्य को देखने एवं परखने के पश्चात उसमें अपनी अवधारणा का समावेश करना चाहिए।
श्री पाण्डेय के व्याख्यान के दौरान अनेक प्रतिभागी विद्यार्थियों ने प्रश्न पूछे जिसका श्री पाण्डेय ने बड़ी बेबाकी से उत्तर दिया। शंकुतला विद्यालय भिलाई के छात्र अनमोल तिवारी ने शासकीय शिक्षकों को विभिन्न कार्यों में लगाये जाने से विद्यार्थियों की पढ़ाई में व्यवधान संबंधी प्रश्न पूछा वहीं शासकीय स्कूल जरवाय की छात्रा कु. दुर्गा ने अंग्रेजी भाषा के डर को भगाने के उपाय जानना चाहा। श्री पाण्डेय ने कहा कि कर्मचारियों की कमी के कारण शिक्षकों को यह जिम्मेदारी दी जाती है। कु. आयुषी द्वारा आरक्षण के मुद्दे पर पूछे गये प्रश्न के जवाब में श्री पाण्डेय ने कहा कि सरकार को संविधान के दायरे में कार्य करना पड़ता है तथा यदि हम किसी भी परिवार का उदाहरण लें तो परिवार के मुखिया का यह प्रयास होता है, कि वे अपनी अपेक्षाकृत कमजोर संतान को अतिरिक्त सहायता कर अन्य संतानों के समकक्ष लायें। वर्तमान में जारी आरक्षण का संभावत: यही उद्देश्य संविधान निर्माताओं का था। सरायपाली के छात्र मृत्यंजय ने छत्तीसगढ़ के सभी अंचलों के एक समान विकास संबंधी प्रश्न श्री पाण्डेय से पूछा। शासकीय मल्टीपर्पज स्कूल दुर्ग के छात्र निलेश ने भारत की जनसंख्या के हिसाब से टेक्नालॉजी अपनाये जाने पर बल दिया।
महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ.एस.के. राजपूत ने स्वागत भाषण में इंस्पायर कैम्प के आयोजन की अवधारणा एवं उससे विद्यार्थियों को होने वाले लाभ पर प्रकाश डालते हुए बताया कि विद्याथिर्यों को बेसिक साइंस की नवीनतम जानकारी प्रदान करते हुए शोध कार्यों की तरफ प्रेरित करना ही इंस्पायर कैम्प का मुख्य उद्देश्य है।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए इंस्पायर प्रोग्राम के सहायक समन्वयक डॉ. प्रशांत श्रीवास्तव ने इंस्पायर कैम्प की महत्ता पर प्रकाश डाला। सहायक समन्वयक डॉ. अनिल कुमार ने पांच दिवसीय इंस्पायर कैम्प के दौरान आयोजित विभिन्न गतिविधियों की विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की। विद्याथिर्यों हेतु आयोजित बहुविकल्पीय प्रश्न युक्त परीक्षा के प्रभारी डॉ. जगजीत कौर सलूजा ने बताया कि शंकुतला विद्यालय भिलाई के छात्र नवनीत पंचायन ने प्रथम, विश्व मोहन पाण्डेय बीएसपी हायर सेकेण्डरी स्कूल, सेक्टर-10, भिलाई ने द्वितीय तथा विश्वजीत भोई, अभिनव विद्या मंदिर, पुसौर रायगढ़ ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।
विद्याथिर्यों द्वारा प्रस्तुत इनोवेटिव आइडिया स्पर्धा के सर्वश्रेष्ठ 10 नामों की घोषणा प्रभारी प्राध्यापक डॉ. अनुपमा अस्थाना ने की । इन 10 विद्याथिर्यों में डीएवी पब्लिक स्कूल हुडको भिलाई के अमरकांत साहू, आदर्श कन्या स्कूल दुर्ग की प्रियंका मनाडे, शासकीय स्कूल घुघवा के नागेश्वर, शासकीय स्कूल खम्हरिया के मृदुल निर्मल शासकीय स्कूल मरोदा टैंक के दीपक लाल दास डीएवी राजहरा स्कूल के प्रकाश कुमार, शंकुतला विद्यालय की कु. अंकिता गुप्ता, अभिनव विद्या मंदिर रायगढ़ के संदीप गुप्ता, डीएवी राजहरा के सत्येन्द्र द्विवेदी तथा शंकुतला विद्यालय के चंचल शर्मा शामिल थे। डॉ. अस्थाना ने बताया कि सांस्कृतिक संध्या में उत्कृष्ट प्रस्तुति हेतु इशिता परिरा, खुशी जैन, प्रत्याशा चंद, कु. फिजा तथा मृदुल निर्मल को पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन सहायक समन्वयक इंस्पायर कैम्प डॉ. अजय सिंह ने किया। महाविद्यालय की ओर से मृदुल निर्मल को उत्कृष्ट योगा प्रस्तुति हेतु डेस्क टॉप कम्प्यूटर पुरस्कार स्वरूप प्रदान किया गया।
इससे पूर्व आज समापन सत्र में दो आमंत्रित व्याख्यान हुए इसमें सेंटर फॉर सेंलुयर बायोलॉजी के अमिताभ चट्टोपाध्याय ने फ्लोरोसेंस स्पेक्ट्रो स्कोपी तथा जीवन की आधार इकाई बायोरिमेंमबें्रन विषय पर आमंत्रित व्याख्यान दिया। शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार प्राप्त डॉ. चट्टोपाध्याय ने प्रोटीन संरचना के बायोरिमेंमबें्रन के साथ सहसंबंध का गहराई का विश्लेषण किया। उन्होंने बताया कि रसायन एवं बायोलॉजी के क्षेत्र में अनेक ऐसे पहलू है जहां फ्लोरोसेंस स्पेक्ट्रो स्कोपी का महत्वपूर्ण अनुप्रयोग किया जा सकता है। दूसरे आमंत्रित व्याख्यान में गुजरात विश्वविद्यालय अहमदाबाद के डॉ. किशोर चिखालिया ने विटामिनों के जैव रासायनिक क्रियाविधि, वर्गीकरण तथा उसके महत्वपूर्ण गुणों का रोचक ढंग से विश्लेषण किया। डॉ. चिखालिया के व्याख्यान के दौरान प्रतिभागी विद्याथिर्यों ने विटामिन के महत्व एवं उनके उपयोग से संबंधित अनेक प्रश्न पूछकर अपनी शंका समाधान किया।
इंस्पायर कैम्प के दौरान गणित विभाग में स्नातक एवं स्नातकोत्तर स्तर के विद्याथिर्यों की शंका समाधान हेतु श्मैथामेटिक्स क्लिीनिकश् का फीता काटकर उद्घाटन एन.एस. आई.टी. नई दिल्ली के प्रोफेसर विजय गुप्ता ने किया। इस क्लिीनिक में स्नातकोत्तर विद्यार्थी एवं प्राध्यापक सायं काल 4.00 से 5.00 बजे के मध्य स्नातक स्तर के विद्याथिर्यों की गणित संबंधी शंका का समाधान करेंगे। विद्याथिर्यों ने महाविद्यालय की इस पहल का स्वागत किया।

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