मुम्बई। पद्मश्री सुधा वरगीस ने केबीसी के मंच पर यह कहकर लोगों को चौंका दिया कि जिन्हें छूते नहीं हैं दबंग, उनका भी करते हैं रेप। उन्होंने बताया कि बिहार की मूसहर जाति के लोगों को अछूत माना जाता है पर ऊंची जाति के लोग उनके हाथों की दारू भी पीते हैं और उनका बलात्कार भी करते हैं। ताज्जुब की बात यह है कि इन महिलाओं को यह भी नहीं पता कि उनके खिलाफ कोई अपराध किया जा रहा है।
पद्मश्री सुधा 21 सितम्बर को केबीसी के कर्मवीर एपिसोड में शामिल हुर्इं। फिल्मस्टार अनुष्का शर्मा एवं वरुण धवन ने उनका साथ दिया। सुधा ने शो के मेजबान अमिताभ बच्चन के साथ अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि उस इलाके में काम करते समय वे प्रतिदिन 40 किलोमीटर तक की यात्रा करती थीं। इसके लिए वे साइकिल का इस्तेमाल करती थीं। साइकिल चलाने वाली वे पहली महिला थीं। इसलिए उनका नाम ही साइकिल वाली दीदी पड़ गया।
महिलाएं उनके पास आतीं और अपने जीवन से जुड़ी घटनाएं शेयर करतीं। वे बतातीं कि चूहा मारकर खाने के कारण ही उनका नाम मूसहर पड़ गया। लोग उन्हें अछूत मानते। आजीविका के नाम पर कभी कभार मिलने वाली मजदूरी के अलावा चूहे मारना और कच्ची शराब बनाना उनका पेशा था। कथित सवर्ण और दबंग उन्हें वैसे भले ही छूते नहीं थे पर उनके हाथों की बनी शराब पीने से उन्हें कोई गुरेज नहीं था। पीने के बाद वे मनपसंद औरत या बच्ची के साथ सेक्स करते थे। इन महिलाओं को इस बात का जरा भी अंदाजा नहीं था कि उनके साथ रेप हो रहा है।
सुधा ने बताया कि मूसहर जाति की महिलाओं के साथ होने वाले रेप का पहला मामला दर्ज कराने के लिए उन्हें सड़क पर आकर आंदोलन करना पड़ा, धरना देना पड़ा। तब कहीं जाकर पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज की। उन्होंने बताया कि जब वे पीड़िता को लेकर थाने पहुंची तो पुलिस ने यह कहकर उनकी हंसी उड़ाई कि इतने गंदे कपड़े पहनी, गंदी लड़की के साथ कोई रेप कैसे कर सकता है।
सुधा ने बताया कि इन महिलाओं का यह भी मानना था कि उनके पति को उन्हें पीटने का पूरा अधिकार था। सुधा ने इन महिलाओं को शिक्षित करने का बीड़ा उठाया ताकि उन्हें उनके अधिकारों के प्रति जागरूक किया जा सके और उन्हें बेहतर रोजगार के लिए प्रेरित व सक्षम बनाया जा सके। वे आज भी उनके बीच काम कर रही हैं और उन्हें इस बात का सुकून है कि वे इन महिलाओं के जीवन में परिवर्तन लाने में सफल हुई हैं।
केबीसी के मेजबान अमिताभ बच्चन ने उम्मीद जताई कि पद्श्री सुधा की मेहनत अवश्य रंग लाएगी और मूसहर जाति के लोगों के जीवन में भी अच्छे दिन आएंगे।