भिलाई। स्पर्श मल्टीस्पेशालिटी हॉस्पिटल के प्रबंध निदेशक डॉ दीपक वर्मा का मानना है कि स्ट्रेस जीवन की गुणवत्ता को कम कर रही है। दबाव एक तरफ जहां बच्चों से उनका बचपन छीनकर उन्हें तरह तरह के सिंड्रोम दे रहा है वहीं बड़ों में यह मधुमेह और ब्लड प्रेशर का कारण बन रहा है। डॉ दीपक वर्मा स्पर्श में जेसीआई वीक के तहत आयोजित हैप्पी हेल्थ क्लब को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बच्चों पर परफॉरमेंस के लिए दबाव है। ज्यादा से ज्यादा अंक लाने की होड़ में उनका बचपन गुम हो गया है। वे तनाव में रहते हैं जिसके कारण वे अवसाद का भी शिकार हो सकते हैं। इसका आरंभ चिड़चिड़ेपन से होता है और फिर बच्चा बगावत कर बैठता है।
उन्होंने कहा कि अस्पताल में चिकित्सक भी दबाव एवं तनावपूर्ण परिस्थितियों में काम करते हैं। कभी कभी स्थिति इतनी तनावपूर्ण हो जाती है कि किसी का बीपी हाई हो जाता है तो किसी का ब्लड शुगर हाई हो जाता है। ऐसी परिस्थितियां उनके जीवन में भी आ चुकी हैं।
उन्होंने कहा कि शारीरिक स्वास्थ्य के साथ ही मानसिक स्वास्थ्य का अच्छा होना भी बेहतर जीवन के लिए आवश्यक है। आधुनिक जीवन में इससे बचना लगभग नामुमकिन है। पर स्ट्रेस के कारणों का पता लगाकर उन्हें दूर किया जा सकता है। दिक्कत यह है कि अधिकांश लोगों को पता ही नहीं होता कि वे तनाव में या अवसाद में जी रहे हैं।
उन्होंने संतुलित भोजन के साथ ही दिनचर्या में खेलकूद के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि इससे तनाव को काफी हद तक कम किया जा सकता है। बच्चों के लिए तो यह और भी जरूरी है क्योंकि इससे न केवल उनका शारीरिक और मानसिक विकास होता है बल्कि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है।