भिलाई। श्रीशंकराचार्य महाविद्यालय के सभागार में 29 अगस्त को शिक्षा विभाग के एल्यूमनी के सौजन्य से कौशल विकास कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला के मुख्य अतिथि यंगिस्तान के संस्थापक मनीष पाण्डेय थे। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि महाविद्यालय की निदेशक एवं प्राचार्या डॉ. रक्षा सिंह एवं अतिरिक्त निदेशक डॉ. जे. दुर्गा प्रसाद राव थे। मनीष पाण्डेय ने अपने उद्बोधन में कहा कि हमारे पूर्वजों ने अपने कौशल को परखा और भिलाई में स्टील प्लांट की स्थापना की गई। आज भारत में भिलाई औद्योगिक तीर्थ के साथ-साथ मिनी भारत के रूप में प्रतिष्ठित हैं। महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. रक्षा सिंह ने कहा कि पहले शैक्षिक योग्यता के आधार पर व्यक्ति अपना रोजगार और जीविका तैय करता था। किन्तु अब समय बदल गया है और कौशल विकास का समय आ गया है। अपने कौशल को पहचाने और उसे विकसित कर स्वरोजगार का चयन करके अन्य लोगो को रोजगार प्रदान करें। आज के कार्यक्रम का प्रमुख उद्देश्य यही है।
महाविद्यालय के अतिरिक्त निदेशक डॉ. जे. दुर्गा प्रसाद राव ने अपने उद्बोधन में कहा कि महाविद्यालय के प्रथम बैंच के विद्यार्थी श्री मनीष पाण्डेय आज हमारे बीच मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हैं। यह महाविद्यालय के लिए अत्यंत हर्ष का विषय है। प्रत्येक व्यक्ति में प्रतिभाए छूपी हुई होती है। केवल उन्हें पहचानने और विकसित करने की आवश्यकता होती है। श्री आकाश ठाकुर ने प्रधान मंत्री कौशल योजना पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हर व्यक्ति को अपनी रूचि के आधार पर रोजगार का चयन करना चाहिए। अपनी रूचि को कौशल के रूप में परिवर्तित कर प्रशिक्षण लेना चाहिए और उसे ही अपना रोजगार बनाना चाहिए।
इस कार्यक्रम का संचालन डॉ. मालती साहू ने किया कार्यक्रम में शिक्षा विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. नीरा पाण्डेय, महा. के समस्त प्राध्यापक गण, कर्मचारी गण, एल्युमनी के छात्र-छात्राएं एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।