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संतोष रूंगटा समूह के स्टूडेंट्स ने प्राकृतिक आपदाओं से निपटने बनाया एप, जीता रनर्स अप का खिताब

Sep 4, 2018

Santosh Rungta Team wins Hackathonभिलाई। संतोष रूंगटा समूह के स्टूडेंट्स ने स्काय हैकथॉन 2018 प्रतियोगिता में रनर्स अप का खिताब हासिल किया है। इस टीम के प्रमुख मेम्बर्स में टीम लीडर समूह के रूप में रूंगटा इंजीनियरिंग कॉलेज (आरईसी) की बीई कंप्यूटर साइंस की छात्रा निखार कुकरेजा हैं वहीं अन्य सदस्यों में रूंगटा कॉलेज आॅफ इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नालॉजी (आरसीइटी) के बीई कंप्यूटर साइंस के छात्र सीएच धर्मा राव, आशीष पंजवानी तथा बसंत जंघेल हैं। स्काय हैकथॉन में रनर्स अप का खिताब जीतने वाली इस टीम को 25,000/- रूपयों का पुरस्कार प्राप्त हुआ है। यह पुरस्कार इन्हें कार्यक्रम में उपस्थित छ.ग. के केबिनेट मंत्री अमर अग्रवाल, सचिव आईटी संजय शुक्ला, सीएसआईडीसी के एमडी सुनील मिश्रा, डायरेक्टर कॉमर्स एण्ड इंडस्ट्रीज अनुराग पाण्डेय, चिप्स के सीईओ एलेक्स पॉल मेनन और 36 आईएनसी के सीईओ राजीव रॉय के द्वारा प्रदान किया गया। गौरतलब है कि छ.ग. इन्फोटेक प्रमोशन सोसायटी (चिप्स) और छ.ग. सरकार के बिजनेस इन्क्यूबेटर 36 आईएनसी द्वारा संचार क्रांति योजना (स्काय) के अंतर्गत हैकथॉन का आयोजन स्काय हैकथॉन के नाम से किया गया था जिसके अंतर्गत प्रतिभागियों को जनता की समस्याओं के निराकरण के लिये एप् आधारित समाधान विकसित करना था। प्राकृतिक आपदा के प्रभाव को कर करने संबंधी इस एप के लिये संतोष रूंगटा समूह की निखार कुकरेजा के नेतृत्व में टीम कैलेमिटी फाईटर्स को रनर्स अप का पुरस्कार प्राप्त हुआ।
एप से क्या जानकारियाँ प्राप्त होंगी
स्टूडेंट्स ने बताया कि प्राकृतिक आपदा के दौरान दो बातें अत्यंत महत्वपूर्ण होती हैं इनमें से एक है समय और दूसरा सूचना का आदान-प्रदान। प्राकृतिक आपदा की स्थिति में नागरिकों से सूचना प्राप्त करना साथ ही उसे प्रभावी तथा योजनाबद्ध तरीके से लक्ष्य तक पहुंचाना, निर्मित हो रही भयावह परिस्थिति में जान-माल के नुकसान को न्यूनतम करने में अत्यंत सहायक होती हैं। बाढ़, अकाल, भूकंप, फॉरेस्ट फायर आदि ऐसी प्राकृतिक आपदायें हैं जिसमें त्रासदी में फंसे बहुत से ऐसे लोग होते हैं जो कि समय पर सूचना प्राप्ति के अभाव से या आपदा से निपटने के तरीकों के अभाव से जान-माल का नुकसान कर बैठते हैं। इस यूजर फ्रेण्डली एप के माध्यम से किसी विशेष क्षेत्र में आनेवाली प्राकृतिक आपदा की पूर्व सूचना तथा इससे निपटने के तरीकों से क्षेत्र के रहवासियों को अवगत कराया जा सकता है जिससे आपदा के दौरान होनेवाले जान-माल का नुकसान कम किया जा सके। अंगे्रजी तथा हिन्दी दोनों ही भाषाओं में काम करने वाले इस एप के माध्यम से मैसेज या रेडियो व टेलिकॉम की सहायता से डिजास्टर एलर्ट भेजे जा सकते हैं। यह एप आॅनलाइन तथा आॅफलाइन दोनों ही मोड में कार्य करने में सक्षम है। इसके माध्यम से आपदा में फंसे लोग जहां एक ओर मेसेज कर सकते हैं वहीं अपने आस-पास के फुड सप्लाई, सेफ चेक पॉइंट्स तथा अपनी पर्सनल सेफ्टी हेतु फर्स्ट एड आदि की जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं। इस एप को अधिक प्रभावी बनाने वेदर डिपाटर्मेंट, आईटी डिपाटर्मेंट तथा प्राकृतिक आपदाओं से निपटने में सहायता करने वाली एनजीओ से लिंक किया जा सकता है जिससे आपदा संबंधी जानकारी तथा क्षेत्र में वितरित की जाने वाली सामग्री तथा पॉइंट्स इत्यादि के संबंध में विस्तृत जानकारी प्राप्त हो। एप में गूगल मैप, सांप के काटने संबंधी, विषाक्त पौधों, यू-ट्यूब लिंक, आपदा के पूर्व इस संबंधी रियल टाईम वार्निंग इत्यादि फीचर्स उपलब्ध हैं जिससे यह अत्यंत ही उपयोगी साबित होगा। यह ऐप ग्रामीण क्षेत्र के रहवासियों के लिये अत्यंत ही महत्वपूर्ण तथा उपयोगी होगा जहां कि इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट पूरी तरह नहीं हो पाया है।
एप कैसे कार्य करेगा
आॅनलाइन मोड में लॉग इन करने पर नोटिफिकेशन के रूप में जानकारी प्राप्त होगी और गुगल मैप में क्षेत्र का नक्शा उपलब्ध होगा। आॅफ लाइन मोड में इसमें अपलोड की हुई महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्राप्त होंगी जिसके माध्यम से आपदा पीड़ित व्यक्ति इससे जुड़ी हुई संबंधित विभिन्न जानकारियाँ हासिल कर सकेगा।
विदित हो कि संतोष रूंगटा समूह द्वारा स्थापित इन्क्यूबेशन सेल के अंतर्गत स्टूडेंट्स को निरंतर प्रोत्साहित किया जा रहा है जिसके अच्छे परिणाम प्राप्त हो रहे हैं। नई दिल्ली में एमएचआरडी द्वारा आयोजित हैकथॉन 2018 में भी समूह के स्टूडेंट्स ने बेहतरीन प्रदर्शन कर खिताब जीता था। स्टूडेंट्स की टीम कैलेमिटी फाईटर्स की स्काय हैकथॉन में उल्लेखनीय उपलब्धि पर हर्ष व्यक्त करते हुए रूंगटा ग्रुप आॅफ इंस्टीट्यूशन्स, भिलाई-रायपुर के चेयरमेन संतोष रूंगटा, डायरेक्टर टेक्निकल डॉ. सौरभ रूंगटा, डायरेक्टर एफ एण्ड ए सोनल रूंगटा, ग्रुप डायरेक्टर टेक्निकल एजुकेशन डॉ. बी.के. स्थापक तथा डायरेक्टर आरसीइटी डॉ. एस.एम. प्रसन्नकुमार ने अपनी शुभकामनायें दी हैं।

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