दुर्ग। छत्रपति शिवाजी इंस्टीट्यूट आॅफ टेक्नालाजी में डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म दिवस के अवसर पर 56वां शिक्षक दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। छात्र-छात्राओं के द्वारा सभी शिक्षकों का सम्मान किया गया। संस्था के चेयरमेन अजय प्रकाश वर्मा कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे। संस्था के डायरेक्टर डॉ. अनुराग वर्मा विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित हुए। संस्था के चेयरमैन श्री वर्मा ने सभी अध्यापकों को बधाई देते हुए कहा कि एक अध्यापक समाज का बहुत महत्वपूर्ण व्यक्तित्व होता है। शिक्षक शब्द की यदि व्याख्या की जाए तो हम इसमें शीलवान, क्षमाशील एवं कर्त्तव्यशील व्यक्ति को देख सकते हैं। अर्थात जिसमें शील, क्षमा एवं कर्तव्यपराणयता का गुण है वही सच्ची अर्थों में शिक्षक है। एक शिक्षक की अपनी अलग पहचान होती है। एक स्वस्थ समाज के निर्माण में उसकी अत्यन्त महत्वपूर्ण भूमिका होती है। आज भी शिक्षक दिवस पर गुरू शिष्य की परम्परा दिखाई देती है।
संस्था के डायरेक्टर डॉ. अनुराग वर्मा ने उपस्थित गुरूजनों को बधाई देते हुए उनकी प्रतिभाओं का बखान किया। उन्होंने कहा कि मनुष्य जीवन में एक शिक्षक की दी हुई शिक्षा से ही विद्यार्थी आगे चलकर देश का कर्णधार बनते हैं। ऐसे ही एक शिक्षक थे भारत के पूर्व राष्ट्रपति और दार्शनिक शिक्षाविद् डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन। डॉ. राधाकृष्णन कहते थे कि शिक्षा का मतलब सिर्फ जानकारी देना ही नही बल्कि बौद्धिक झुकाव और लोकतांत्रिक भावना का संचार करना भी है क्योंकि इन भावनाओं के साथ विद्यार्थी देश के उत्तरदायी नागरिक बनते है।
विद्यार्थियों ने अपने गुरूओं के सम्मान में रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये तथा सभी शिक्षकों को स्मृति चिन्ह भेंट किया। इस अवसर पर कालेज के रजिस्ट्रार राजेश वर्मा, सभी ब्रांच के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर संतोष शर्मा, डॉ. रेणु त्रिपाठी, प्रोफेसर राजेश कुमार, डॉ. विवेक चन्द्रा, प्रोफेसर सोनल दानी, प्रोफेसर नीलम देवांगन, प्रोफेसर प्रशांत रिचार्या, डॉ. दीपक सिंग, एन.एस.एस. प्रभारी प्रोफेसर प्रतिभा कुरूप, और समस्त गुरूजन एवं कॉलेज स्टाफ तथा छात्र – छात्राएं उपस्थित थे।