भिलाई। हाल ही में अपनी बोल्ड तस्वीरों से सुर्खियां बटोरने वाली टीवी आर्टिस्ट किश्वर मर्चेन्ट का मानना है कि कॉमेडी में फूहड़ संवादों के लिए फास्ट फारवर्ड संस्कृति जिम्मेदार है। किश्वर मशहूर बॉलीवुड कलाकार अवतार गिल एवं राजेश पुरी के साथ डॉ संतोष राय इन्स्टीट्यूट द्वारा आयोजित सीटीएस अवार्ड फंक्शन में शामिल होने के लिए आई थीं। दोपहर भोजन पर इन तीनों कलाकारों से जीवन में हास्य के महत्व एवं हास्य पैदा करने की चुनौतियों पर चर्चा हो रही थी। किश्वर ने कहा कि उन्होंने लगभग 20 साल पहले इस इंडस्ट्री में कदम रखा और छोटे पर्दे पर काफी काम किया। उन्हें ऐसा लगता है कि अब लोगों में अब धीरज कम होने लगा है। मशहूर टीवी धारावाहिक हमलोग के लल्लू उर्फ राजेश पुरी ने कहा कि झटपट हास्य पैदा करने के लिए चुटीले और द्विअर्थी संवादों का दौर शुरू हुआ। इसके बावजूद अच्छा काम हो रहा है। तारक मेहता का उलटा चश्मा में जब बाबूजी जेठालाल को डांटते हैं तो भी हास्य पैदा होता है और जब कपिल शर्मा अपने सहयोगी कलाकारों के कद-काठ-चेहरे को लेकर ओछी टिप्पणियां करते हैं, तब भी लोग हंसते हैं।
सीनियर कलाकार अवतार गिल की राय इससे भिन्न थी। उन्होंने कहा कि सबसे बड़ा फैसला दर्शक करता है। फूहड़ता की परिभाषा समय के साथ बदल जाती है। जो आज चल रहा है, 30 साल पहले उसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। बड़ी चिन्ता का विषय यह है कि बाल कलाकारों के लिए लिखे गए चुटीले संवादों में बड़ों के प्रति सम्मान के भाव को बरकरार रखने में चूक हो रही है। इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
श्री गिल ने कहा कि वे छठवीं बार सीटीएस के कार्यक्रम में भिलाई आए हैं। डॉ संतोष राय उनके मित्र हैं और उनकी ख्याति से उन्हीं खुशी होती है। 25 साल में डॉ संतोष राय ने न केवल अपने लिए एक मुकाम बनाया है बल्कि लाखों बच्चों की प्रेरणा का स्रोत बन चुके हैं।