भिलाई। आम तौर पर चुनावी राजनीति से एक सुरक्षित दूरी बनाए रखने वाले लघु एवं मझोले उद्योगों तथा व्यापारिक संगठनों ने पहली बार छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस से एक टिकट की मांग की है। व्यापारिक एवं औद्योगिक संगठनों ने अपनी तरफ से संघर्षशील औद्योगिक नेता केके झा को प्रत्याशी के रूप में आगे किया है। श्री झा के समर्थन में आए आए उद्योगपतियों ने कहा कि केन्द्र के साथ ही प्रदेश की भाजपा सरकार नित नए प्रयोग कर रही है। व्यापारियों एवं उद्योगपतियों को भाजपा की सरकारों ने चोर का सर्टिफिकेट दे दिया है। उनपर लगातार हमले किये जा रहे हैं। व्यापारियों का मुनाफा लगातार कम हो रहा है और उद्यमी तालाबंदी की कगार पर खड़े हैं। इनकी स्थिति सुधारने के लिए कोई प्रयास करने के बजाय सरकार उन्हें नेस्तनाबूद करने पर उतारू है। व्यापारियों ने बताया कि विभिन्न कानूनों के पालन के लिए प्रत्येक व्यापारी काम धंधा छोड़कर महीने में 6 से 8 दिन अपने कर सलाहकारों के पास बिता रहा है। उधर अधिकारी कड़ाई के साथ इसका अनुपालन कराने की कोशिश कर रहे हैं जिसके कारण भ्रष्टाचार बढ़ रहा है। परेशान व्यापारियों ने विधानसभा चुनावों से पहली बार अपनी आवाज उठाई है। इसका असर लोकसभा चुनावों में भी देखा जाएगा। उन्होंने कहा कि उद्यमी केवल अपना ही नहीं बल्कि अपने कार्मिकों के भविष्य को लेकर भी चिंतित हैं। यदि तालाबंदी की नौबत आती है तो उनके यहां बीसियों वर्षों से काम कर रहे कर्मचारी भी सड़क पर आ जाएंगे। इसलिए व्यापारी एवं उद्यमी समुदाय ने अपना पक्ष मजबूती से रखने के लिए अपने जुझारू नेता को वैशाली नगर विधानसभा से टिकट देने की मांग कांग्रेस से की है।
श्री झा पिछले लगभग दो दशकों से लघु एवं सहायक उद्योगों के साथ ही उद्योग जगत का विभिन्न मंचों पर सफल प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। वैशाली नगर उनकी कर्म भूमि है। उनके विधानसभा में पहुंचने से जहां व्यापारियों एवं उद्योगपतियों की बात सुनी जाएगी वहीं भारतीय जनता पार्टी को भी कड़ा संदेश जाएगा।