भिलाई। श्री शंकराचार्य महाविद्यालय जुनवानी, भिलाई के प्राणी शास्त्र विभाग द्वारा वर्ल्ड एनिमल डे मनाया गया इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य पशु पक्षियों के महत्व को समझकर उनकी सहायता करनी चाहिए और उन्हें लुप्त होने से बचाना चाहिए क्योंकि आधुनिक युग में तरह-तरह का प्रदूर्षण फैल रहा है जिससे वातावरण में उपस्थित पशु पक्षियों पर हानिकारक प्रभाव पड़ रहा है और पशु पक्षियों कि प्रजातियां इससे विलुप्त हो रही है। मनुष्य अपने सिर्फ मनोरंजन के लिए पशु पक्षियों का शिकार किये जा रहा है। हमे समझना चाहिए की पशु पक्षी भी हमारे वातावरण का एक हिस्सा है अगर पशु पक्षी नही रहें तो हमें कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। जंगलो की कटाई मनुष्यों के द्वारा की जाती है। जिस वजह से पशु पक्षियों को रहने के लिए जगह नही मिल पाती और वह लगातार नष्ट होते जा रहें है हमें पशु पक्षियों के महत्व व उनकी सुरक्षा करने की जरूरत है।
वर्ल्ड वाइल्ड फंड फॉर नेचर के अनुसार अभी बहुत से पशु पक्षी इसी अवस्था में है जो विलुप्त होने के कगार पर है अगर उनका सही तरिके से संरक्षण नही किया गया तो वे सभी डॉयनोसर की तरह ही इतिहास में सिमट जायेंगे। ऐसे कई पशु है जिनपर ध्यान नही दिया गया तो जल्द ही वे विलुप्त हो जाएगें जैसे- बाघ, गेण्डा, पोलर बियर, पैंगविन, कछुआ इसके अलावा कई पक्षियां ऐसी है जिनकी संख्या बहुत कम रह गई है जैसे गिद्ध गोरैया, साइबेरियन क्रेम।
महाविद्यालय की निदेशक एवं प्राचार्या डॉ. रक्षा सिंह ने कहा कि वन्यजीव मानव कल्याण के लिए जरूरी है हम उनके बिना नही रह सकते हैं इसलिए वन्यजीवों कि हर कीमत पर रक्षा करनी होगीं।
महाविद्यालय के अतिरिक्त निदेशक डॉ. जे. दुर्गा प्रसाद राव ने कहा कि भारत के सभी नागरिकों की जिम्मेदारी है कि इस प्रकृतिक धरोहर की रक्षा और संरक्षण की दिशा में योगदान करें।
इस कार्यक्रम में श्रीमती प्रतिमा जोशी निर्णायक अतिथि के रूप में उपस्थित थी। इस प्रतियोगिता में प्रथम स्थान, पोस्टर में प्रथम स्थान तनुजा वर्मा-बीएससी-2, द्वितीय स्थान त्रिलोक व युवराज बीएससी-1, तृतीय स्थान ममता साहू बीएससी-2, रहें। स्लोगन में प्रथम स्थान वेनु- बीएससी-1, द्वितीय स्थान चन्द्रप्रकाश बीएससी-2 रहें। मॉडल में प्रथम स्थान दिप्ती- बीएससी-3 द्वितीय स्थान त्रिलोक व युवराज बीएससी-1 तृतीय स्थान मयंक व ममता साहू बीएससी-2 रहें।
इस कार्यक्रम का सफल आयोजन प्राणी शास्त्र की विभागाध्यक्ष डॉ.सोनिया बजाज एवं सह. प्राध्यापक श्रीमती अंजना मिश्रा ने किया।