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प्राचार्य डॉ राजपूत ने शिक्षा को समर्पित किए जीवन के चार दशक

Nov 8, 2018

Dr SK Rajputदुर्ग। डॉ एसके राजपूत ने 31 अक्तूबर को शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय, दुर्ग के प्राचार्य एवं अपर संचालक, उच्चशिक्षा दुर्ग संभाग के पद से अवकाश प्राप्त कर लिया। उन्होंने अपने जीवन के शानदार चार दशक शिक्षा के लिए समर्पित कर दिए। 65 वर्षीय डॉ राजपूत को महाविद्यालय परिवार ने भावभीनी बिदाई दी। 5 अक्टूबर 1953 को जन्मे डॉ. एस.के. राजपूत ने स्नातकोत्तर कक्षाओं में लगभग 30 वर्ष तक शैक्षणिक कार्य का संपादन किया। कार्बनिक रसायन विषय के व्याख्याता के रूप में शासकीय सेवा का आरंभ साइंस कालेज, रायपुर से करने के पश्चात सन 2009 से 2012 तक डॉ. राजपूत शासकीय गजानंद पीजी कालेज, भाठापारा के प्राचार्य रहे। सन 2012 से 2014 तक डॉ. राजपूत खूबचंद बघेल पीजी कालेज, भिलाई-3 के प्राचार्य रहे। सन 2014 से 2016 तक वे शासकीय महाविद्यालय अरमरीकला तथा बेलौदी के प्राचार्य पद पर भी रहें। सन 2016 अगस्त में साइंस कालेज, दुर्ग के प्राचार्य पद का कार्यभार संभालने के पश्चात सन 2017 में डॉ. राजपूत के नेतृत्व में नैक बंगलौर द्वारा साइंस कालेज, दुर्ग को मूल्यांकन के पश्चात ए प्लस ग्रेड प्रदान किया गया। साइंस कालेज, दुर्ग के इतिहास में पहली बार लगातार 3 बार डीएसटी नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित इंस्पायर कैम्प का आयोजन भी डॉ. राजपूत के नेतृत्व में हुआ। वर्तमान में इन्हीं उपलब्घियों के आधार पर डॉ. राजपूत को नैक बंगलौर द्वारा पीयर टीम मेंबर के रूप में चयनित किया गया है।
डॉ. राजपूत ने अपनी सेवा अवधि के दौरान महाविद्यालय परिवार द्वारा दिए गए रचनात्मक सहयोग हेतु कृतज्ञता ज्ञापित करते हुए शासकीय सेवा के दौरान घटित विभिन्न गतिविधियों को साझा करते हुए उपस्थित महाविद्यालय परिवार से आग्रह किया कि ईमानदारी एवं निष्ठा पूर्वक कार्य करने वाला कभी असफल नही होता। उन्होंनें साइंस कालेज, दुर्ग की एकता को प्रशंसनीय बताते हुए कहा कि महाविद्यालय की हर सफलता के पीछे महाविद्यालय परिवार की एकता ही उत्तरदायी है। डॉ. राजपूत ने कर्मचारियों से समय के पाबंद होने, योग आदि के द्वारा सदैव स्वस्थ्य रहने तथा समय के अनुरूप नई तकनीको को सीखने एवं उनके अनुप्रयोग पर भी बल दिया।
महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डॉ. एम.ए. सिद्दीकी ने अपने संबोधन में डॉ. राजपूत के प्राचार्य पद के कायर्काल के दौरान अर्जित उपलब्धियों का विश्लेषण करते हुए इन्हें महाविद्यालय के इतिहास में मील का पत्थर करार दिया। डॉ. सिद्दीकी ने डॉ. राजपूत की कार्यशैली की प्रशंसा करते हुए अन्य लोगों के लिए भी इसे अनुकरणीय बताया। महाविद्यालय के वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. राजेन्द्र चौबे ने महाविद्यालय परिवार की ओर से अपने संबोधन में डॉ. राजपूत को कुशल व्यक्तित्व का धनी एवं सफल प्रशासक की संज्ञा दी। बडे से बडे कार्य को सफलतापूर्वक संपादित करने तथा सभी को साथ में लेकर चलने के डॉ. राजपूत की विशेषता की डॉ. चैबे ने प्रशंसा की। डॉ. चैबे ने कहा कि साईंस कालेज, दुर्ग के प्रत्येक अधिकारी एवं कमर्चारी मैं नही हम के अवधारणा पर विश्वास रखकर कार्य करते है।
महाविद्यालय के छात्रावास अधीक्षक एवं मुख्य लिपिक का कायर्भार देखरहे श्री राधे लाल यादव ने कहा कि किसी भी महाविद्यालय के सफल संचालन हेतु प्राचार्य एवं कार्यालयीन स्टाफ के बीच मधुर सामंजस्य होना आवश्यक है। डॉ. राजपूत के कायर्काल में महाविद्यालय के अधिकारियों एवं कमर्चारियों को किसी भी कार्य के लिए परेशानी का सामना नही करना पड़ा। सभी वक्ताओं ने महाविद्यालय से सेवानिवृत्त कमर्चारी अधनू राम लहरी के दीर्घ आयु होने की कामना करते हुए उनके सेवा अवधि के दौरान किए गए कार्यों की प्रशंसा की। वक्ताओं ने महाविद्यालय से स्थानांतरित डॉ. प्रीति मेहता एवं डॉ. काजल किरण गुलहरे के योगदान का भी उल्लेख करते हुए शुभकामनायें दी कि वे स्थानांतरित महाविद्यालय में भी अपने कार्यों के द्वारा उत्तम स्थान बनाये। महाविद्यालय के नवनियुक्त रजिस्ट्रार श्री आशुतोष साव तथा सहायक प्राध्यापक डॉ. श्वेता पाण्डेय, डॉ. प्रतिभा शर्मा एवं प्रोफेसर आर.एस.सिंह से महाविद्यालय के प्राचार्य एवं अन्य वक्ताओं ने आव्हान किया कि वे महाविद्यालय की विकास यात्रा में अपना रचनात्मक सहयोग दें। कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन स्टॉफ क्लब के सचिव डॉ. राकेश तिवारी ने किया। वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. एम.ए. सिद्दीकी एवं डॉ. राजेन्द्र चैबे ने सेवानिवृत्त प्राचार्य डॉ. एस.के. राजपूत तथा अन्य अतिथियों को स्मृति चिन्ह प्रदान किये। इस अवसर पर सम्पूर्ण महाविद्यालय परिवार के साथ-साथ सेवानिवृत्त प्राचार्य डॉ. राजपूत की धर्मपत्नि श्रीमती रक्षा राजपूत भी उपस्थित थी। महाविद्यालय के मीडिया प्रभारी डॉ. प्रशांत श्रीवास्तव ने बताया कि आज शाम: 5.30 बजे डॉ. राजपूत ने सेवा निवृत्ति के पश्चात् साईंस कालेज, दुर्ग के प्राचार्य का कायर्भार वरिष्ठ प्राध्यापक एवं गणित के विभागाध्यक्ष डॉ. एम.ए. सिद्दीकी को सौंपा।

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