भिलाई। 2011 में एक बलात्कार के मामले में उम्रकैद की सजा प्राप्त एक अभियुक्त ने आरक्षक पर फायर झोंक दिया। तत्काल हरकत में आई पुलिस ने मोटरसाइकिल पर ही घेराबंदी कर ली और छह घंटे के भीतर उसे धर दबोचा। इससे पहले वह एक महिला पर घर में घुसकर फायर कर चुका था। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार 33 वर्षीय वीरेन्द्र नाई अपने बड़े भाई अशोक और असलम की हत्या करने के लिए दीपक शिवहरे से 5 कारतूस और कट्टा हासिल किया था। दीपक मूलत: सतना के थाना चित्रकूट क्षेत्र का रहने वाला है। 2013 में वह भिलाई आकर बस गया था और मुरुम खदान निवासी गज्जू से दोस्ती कर ली थी। 2014 में उसने गज्जू की बहन से शादी कर ली थी।
पुलिस के मुताबिक आरोपी वीरेन्द्र नाई ने 2011 में एक बलात्कार किया था जिसमें उसे दफा 364, 365, 376, 307 भादवि के तहत आजीवन कारावास एवं 9 वर्ष की अतिरिक्त सजा सुनाई गई थी। 2017 में वह जेल से छूटकर आ गया और गज्जू तथा दीपक शिवहरे से दोस्ती कर ली। वह अपने भाई अशोक से इसलिए नाराज था कि उसने संपत्ति पर पूरी तरह दखल कर लिया था और वीरेन्द्र को कोई हिस्सा नहीं दे रहा था। वहीं असलम ने वीरेन्द्र के खिलाफ पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज करा रखी थी।
वीरेन्द्र असलम और अशोक दोनों खत्म कर देना चाहता था। इसलिए उसने कट्टा और कारतूस हासिल कर लिये थे। रविवार 2 दिसम्बर की शाम वह कट्टे से लैस असलम के घर पहुंचा और दीवार फांदकर भीतर पहुंचा। पर असलम वहां नहीं था। इसपर वीरेन्द्र ने असलम की बड़ी मां रईसुल खातून पर फायर कर दिया पर निशाना चूक गया।
काम आ गई पुलिस की तैयारी
पुलिस कप्तान डॉ संजीव शुक्ला ने रैपिड रेस्पांस के लिए बाईक पेट्रोलिंग लगा रखी है। इससे पुलिस पार्टी तत्काल ऐक्शन में आ जाती है और तुरंत घटनास्थल पर पहुंच भी जाती है। फायरिंग की सूचना मिलते ही पुलिस ने इलाके को घेर लिया। इसी बीच वीरेन्द्र का आरक्षक विवेक पोद्दार से आमना सामना हो गया। आरक्षक विवेक ने झुककर गोली से अपना बचाव कर लिया। वीरेन्द्र वहां से भाग निकला पर पुलिस हर गली मोहल्ले में उसे ढूंढ रही थी। बाहर निकलने के सभी रास्ते बंद हो चुके थे।
वीरेन्द्र किसी तरह टाटा लाइन पहुंच गया और वहां अपने दोस्त जितेन्द्र साहू से हुई। जितेन्द्र को घटना की खबर लग चुकी थी। वीरेन्द्र ने फरार होने में उससे मदद मांगी। जितेन्द्र ने इसपर अवंती बाई लोधी चौक पर स्थित बाइक पेट्रोलिंग पार्टी को सूचित कर दिया। नाराज वीरेन्द्र ने उसपर भी गोली चलाने का प्रयास किया पर वे गुत्थम गुत्था हो गए। तभी पुलिस पार्टी वहां पहुंच गई और आरोपी को मय कट्टा और कारतूस गिरफ्तार कर लिया। इस पुलिस पार्टी में आरक्षक केशव साहू, सविन्दर सिंह और लक्ष्मीनारायण शामिल थे।
टल गया गंभीर हादसा
वीरेन्द्र नाई के सिर पर खून सवार था। पुलिस आरक्षक सहित तीन लोगों पर वह फायर कर चुका था और किसी पर भी गोली चला सकता था। समय रहते उसे गिरफ्तार कर पुलिस ने एक बड़ी कामयाबी हासिल की है और अपराध को रोकने में सफलता प्राप्त की है।
पूछताछ जारी
आरोपी वीरेन्द्र से अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विजय पाण्डेय, नगर पुलिस अधीक्षक एसएस शर्मा, क्राइम उप पुलिस अधीक्षक प्रवीरचंद तिवारी पूछताछ कर रहे हैं। आरंभिक पूछताछ में आरोपी ने दीपक शिवहरे और गज्जू से कट्टा और कारतूस खरीदने की बात स्वीकार कर ली है। पूछताछ जारी है।