भिलाई। शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय के वनस्पति विज्ञान विभाग के छात्रों द्वारा विगत दिनों मनगट्टा वनक्षेत्र का भ्रमण किया गया, जिसमें विभाग के समस्त एम.एससी प्रथम एवं तृतीय सेमेस्टर के छात्रों के साथ सभी प्राध्यापकों ने वानस्पतिक सर्वेक्षण का कार्य किया, जिसके अंतर्गत विभिन्न प्रकार के वानस्पतिक पौधें जैसे लोरेनथस, रती, कसही, जल जमनी, धौरा, बेल, अर्जुन, अमलताष, ईस्टर कुलिया, सेमल तथा बरगद की विभिन्न प्रजातियों समेत लगभग 250 पौधों का विशेष गहन अध्ययन कर अवलोकन किया गया साथ ही इनकी उपयोगिता के बारे में छात्रों को जागरूक किया गया। मनगट्टा वनपरिक्षेत्र महाविद्यालय से 25 किमी. पश्चिम की ओर से मुढ़ीपार रेल्वे स्टेषन से नजदीक है। यहां कई प्रकार की सामान्य एवं जंगली प्रजातियों को राजनांदगांव वन परिक्षेत्र मण्डल द्वारा रोपा गया है एवं जंगल सफारी का भी भ्रमण कराया जाता है। छात्रों के अध्ययन के लिए यहां परजीवी एवं उपरीरोही पौधे का विशाल संगम है, जिससे आसपास के महाविद्यालय के छात्र एवं शोधकर्ता लाभांवित हो सकते है।
महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. एम.ए. सिद्दीकी ने वनस्पतिक विज्ञान विभाग के छात्रों द्वारा किए गए सर्वेक्षण कार्य की भूरी-भूरी प्रषंसा की है साथ ही उन्होंने इस प्रकार के सर्वेक्षण कार्य के लगातार होते रहने पर बल दिया है। ज्ञातव्य है, कि वनस्पतिक विज्ञान विभाग में पुष्पीय पौधों, जलीय पौधों एवं पादप संरक्षण पर विशेष शोधकार्य किया जा रहा है। इस सर्वेक्षण कार्य में वनस्पति विज्ञान विभाग की विभागध्यक्ष एवं प्राध्यापक डॉ. रंजना श्रीवास्तव ने बताया कि विभाग द्वारा प्रतिवर्ष दो बार इस प्रकार के सर्वेक्षण कार्य किए जाते है, जिससे हमारे प्रदेश के एवं आसपास के पौधों की प्रजातियों को संरक्षित किया जा सके साथ ही उनका सही तरीके से उपयोग में लाया जा सके। इस सर्वेक्षण कार्य में विभाग की विभागाध्यक्ष एवं प्राध्यापक डॉ. रंजना श्रीवास्तव, सहायक प्राध्यापक, श्रीमती गायत्री पाण्डेय, डॉ. के.आई.टोप्पो, डॉ. जी.एस.ठाकुर, डॉ. शुभा गुप्ता, डॉ. श्रीराम कुंजाम, डॉ. विजय लक्ष्मी नायडू , डॉ. सतीष कुमार सेन एवं एम.एससी प्रथम तथा तृतीय सेमेस्टर के समस्त छात्रों का योगदान सराहनीय रहा।