भिलाई। स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय में आई.क्यू.ए.सी. सेल द्वारा विश्व एड्स दिवस पर अतिथि व्याख्यान और परिचर्चा का आयोजन ‘न्यू पाथ एजुकेशन सोसायटी के द्वारा किया गया। न्यू पथ सोसायटी की ओर से कुमारी रंजिता गढ़े, प्रोग्राम मैनेजर एवं श्रीमती शोभा साहू काउंसलर उपस्थित थे। रंजिता गढ़े ने बताया कि उनकी संस्था बस्तियों में रहने वाले निम्न तबके की महिलाओं को जागरुक करने का कार्य करती है तथा उन्हें छ:माही एच.आई.वी टेस्ट एवं बीमारी मंथली चेकअप की सुविधा जिला अस्पताल, सुपेला, बैकुंठधाम तथा खुर्सीपार अस्पताल के माध्यम से नि:शुल्क उपलब्ध कराती है।
शोभा साहू ने एच.आई.वी. तथा एड्स में अंतर बताया कि एच.आई.वी. एक वायरस है तथा एड्स उसकी परिलक्षित अवस्था है। उन्होंने बताया कि महिलाओं को अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरुक होना चाहिए तथा साफ-सफाई का ध्यान रखना चाहिए। उन्होंने परिचर्चा में सहभागी शिक्षकों एवं विद्यार्थियों को रेड रिबन लगाया।
महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. श्रीमती हंसा शुक्ला ने कहा कि इतिहास से महिलाओं को उपभोग की वस्तु समझा जाता है। उन्होंने कहा कि हमें अपनी कुंठित सोच को त्याग कर समाज को एच.आई.वी. के प्रति जागरुक करना चाहिए तथा उन्होंने इस वर्ष की थीम ‘नो योर स्टेटस’ के संबंध से अवगत कराते हुए कहा कि एड्स संक्रमित 25 प्रतिशत लोगों की मृत्यु जानकारी के अभाव में होती है। अत: समाज को इसके प्रति जागरुक करने की आवश्यकता है।
आई.क्यू.ए.सी. संयोजिका डॉ. श्रीमती ज्योति उपाध्याय ने बताया कि यूनिसेफ की रिपोर्ट के आधार पर 2017 तक करीब एक लाख बीस हजार बच्चे और युवा संक्रमित पाये गये है। यह आँकड़ा किसी भी देष के एच.आई.वी. पीड़ित से ज्यादा है।
नैक संयोजिका स.प्रा. श्रीमती श्वेता दवे ने कहा कि एच.आई.वी. परीक्षण बचाव, उपचार, देखभाल तथा सहयोग का द्वारा है अत: यह परीक्षण करवाते रहना चाहिए।
डॉ. शमा बेग विभागाध्यक्ष माइक्रोबायोलॉजी ने कहा कि हमें एड्स के बारे में जागरुकता फैलाने की आवश्यकता है।
परिचर्चा में शैलजा पवार स.प्रा. शिक्षा विभाग, श्रीमती नीलम गांधी विभागाध्यक्ष वाणिज्य, पूजा सोढ़ा आदि प्राध्यापकों की सहभागिता रही। इस कार्यक्रम में महाविद्यालय की तृप्ति, रीचा तथा अन्य छात्रों ने भी विचार व्यक्त किए। धन्यवाद ज्ञापन डॉ. श्रीमती ज्योति उपाध्याय ने दिया।