भिलाई। भारतीय जादू कला को नया जीवन देने वाले गोगीया सरकार का इंद्रजाल सिर चढ़कर बोलता है। कभी वे चलते पंखे के बीच से पलक झपकते गुजर जाते हैं तो कभी किसी को लड़की को बक्स में बंद कर गायब कर देते हैं। हैरानी की हद तो तब होती है जब एक लड़की का केवल सिर और पैर रह जाता है और धड़ गायब हो जाता है। इसी तरह के हैरतअंगेज खेलों का प्रदर्शन पिछले कुछ समय से जादूगर गोगीया सरकार मौर्या टाकीज में कर रहे हैं। जादूगर गोगीया सरकार का कहना है कि जादू की दुनिया निजी जीवन के तनाव को कम करती है। लोगों में आशा और उत्साह का संचार करती है। उन्हें कल्पना लोक में ले जाकर उनका बचपन लौटा देती है। यह एक तरह की थेरेपी है जो लोगों को सकारात्मक सोच की ओर ले जाती है।जादूगर गोगीया सरकार कहते है कि किसी भी कला की पराकाष्ठा का प्रभाव जादुई होता है। यह कला हिन्दुस्तान की धरोहर रही है। यह रामायण-महाभारत काल से चली आ रही है। यह विज्ञान, आध्यात्म एवं योगपूर्ण सम्मोहन का मिश्रण है। वे कहते हैं – ‘महापुरूषों ने ऊंचाइयां को छुआ है न केवल एक प्रयास में, जब उनके साथी सोचा करते थे, वे संघर्ष करते थे रात में।’
गोगीया कहते हैं कि वे जादू से उतना ही प्रेम करते हैं जितना शिशु अपनी मां से करता है। वे दम तोड़ती भारतीय जादू कला को नित नए प्रयोगों से नया जीवन देने की कोशिश करते हैं। उनके शो में हर दिन कुछ नया होता है। कभी बच्चे हवा में चुस्की लेते हैं और दूध का गिलास खाली हो जाता है तो कभी किसी लड़की की गर्दन में तलवार घोंपकर उसे आरपार कर देते हैं। कभी किसी लड़की को सूली पर चढ़ा देते हैं तो कभी किसी दर्शक के सिर पर आग जलाकर चाय बना लेते हैं। इस चाय को वे गोगीयापैथ कहते हैं जिसे पीकर लोग जवान हो जाते हैं।
गोगीया सरकार एक तरफ जहां बच्चों को अपने खेल का हिस्सा बनाते हैं वहीं उनके मनोरंजन का पूरा ध्यान रखते हैं। दर्शकों में से बुलाए गए बच्चों को एक खास अंदाज में जादुई दूध पिलाने के बाद वे उस दूध को मजाकिया अंदाज में वापस भी निकाल लेते हैं। कभी किसी शरारती बालक को मंच पर बुलाकर उसे ठोंक पीटकर छोटा कर देते हैं तो कभी किसी लड़की का सिर काटकर उसे दूर टेबल पर ले जाकर रख देते हैं।
जादूगर गोगीया कहते हैं कि आज की संस्कार विहीन कलाओं के बीच एक मात्र जादू ही ऐसी कला है जिसका आनन्द परिवार के सभी सदस्य एक साथ बैठकर उठा सकते है। जादू में सभी कलाओं का समावेश है तभी तो इसे ‘कलाओं की कला’ कहा गया है। जादू में विज्ञान, पेंटिंग, योग, म्युजिक, एक्टिंग, हास्य-व्यंग, चातुर्य सब का समावेश रहता है।