एमजे कालेज ऑफ नर्सिंग में राष्ट्रीय स्तर का सेमीनार
लाभ लेने के लिए ईगो छोड़कर मांगनी होगी मदद
भिलाई। प्रसिद्ध इंटरवेंशन कार्डियोलॉजिस्ट डॉ जयराम अय्यर का मानना है कि भारत जैसे विशाल देश में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने में टेलीमेडिसिन का महत्वपूर्ण योगदान हो सकता है। पर 1996 में किए गए पहले प्रयोग के बाद के 20 से अधिक वर्षों में इसने कोई खास प्रगति नहीं की है। डॉ अय्यर यहां एमजे कालेज आफ नर्सिंग में टेलीमेडिसिन पर आयोजित राष्ट्रीय स्तर के सेमीनार को मुख्य अतिथि की आसंदी से संबोधित कर रहे थे। सेमीनार में भोपाल, नागपुर, राजनांदगांव एवं दुर्ग के रिसोर्सपर्सन ने अपनी प्रस्तुतियां दीं। सीकॉस्ट द्वारा सह प्रायोजित इस सेमीनार में विभिन्न नर्सिंग महाविद्यालयों की छात्राओं ने प्रतिभागिता दी।डॉ अय्यर ने एमजे कालेज की डायरेक्टर श्रीमती श्रीलेका विरुलकर को आयोजन के लिए साधुवाद देते हुए कहा कि यह वक्त की जरूरत है। संचार क्रांति के इस युग में टेलीमेडिसिन की दिशा में प्रगति करना जरूरी है। इसी से दूरस्त गांवों तक विशेषज्ञों की सेवाओं को पहुंचाया जा सकता है। टेलीमेडिसिन ने जोर पकड़ा तो रोगियों को अनावश्यक रूप से 200-300 किलोमीटर दूर शहर में ले जाना जरूरी नहीं रह जाएगा। इससे रोगियों की परेशानी कम होगी, चिकित्सा का खर्च कम होगा और आपात स्थिति में जानें बचाई जा सकेंगे।
अपने निजी अनुभव का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि 1996 में टेलीमेडिसिन की शुरुआत अपोलो हॉस्पिटल चेन्नई ने की। इस शुरुआत के वे साक्षी रहे। इसके बाद 2002 में वे अपोलो बिलासपुर के अपने कार्यकाल के दौरान मरवाही में पहला टेलीमेडिसिन केन्द्र प्रारंभ किया। पर इतने वर्षों बाद भी इसमें कोई प्रगति नहीं हुई है।
डॉ अय्यर ने कहा कि प्रत्येक चिकित्सक या चिकित्सा विशेषज्ञ की अपनी सीमाएं होती हैं। रोगी को लाभ पहुंचाने के लिए उसे ज्ञान प्राप्त करने में संकोच नहीं करना चाहिए। वे पेशेंट हिस्ट्री को बड़े शहरों में कार्यरत विशेषज्ञ से शेयर करके उनकी राय मांग सकते हैं। इससे वे छोटे नहीं हो जाएंगे। शहरों तथा महानगरों के चिकित्सकों में यह बेहद आम है। सुपर स्पेशलिस्ट चिकित्सक देश विदेश में कार्यरत चिकित्सकों की सहायता लेते रहे हैं।
इस अवसर पर एमजे कालेज की डायरेक्टर श्रीलेखी विरुलकर, एमजे कालेज ऑफ नर्सिंग की प्राचार्य श्रीमती कन्नमल सी, एमजे कालेज के प्राचार्य डॉ कुबेर सिंह गुरुपंच, एमजे कालेज (फार्मेसी विभाग) के प्राचार्य डॉ टी कुमार, नर्सिंग एवं फार्मेसी कालेज के फैकल्टी मेम्बर्स सहित नर्सिंग छात्राएं बड़ी संख्या में उपस्थित थीं।
सेमीनार के प्रथम सत्र को संबोधित करते हुए एलएनसीटी मेडिकल कालेज एवं जेके हॉस्पिटल कैम्पस के विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ एस विक्टर देवासिरवादम ने टेलीमेडिसिन के विस्तृत क्षेत्र की जानकारी दी। उन्होंने सूचना क्रांति के विभिन्न आयामों के जिक्र करते हुए भारत जैसे विशाल देश में चिकित्सा सेवाओं एवं विशेषज्ञताओं को अंतिम व्यक्ति तक ले जाने की संभावनाओं को रेखांकित किया। आयोजन में को-चेयरपर्सन सीजी थॉमस एवं समन्वयक डेनियल तमिल सेलवन द्वारा सीजीकॉस्ट की महत्वपूर्ण भूमिका रहा। श्री डेनियल ने विषय प्रवेश कराया।
सेमीनार का संचालन श्रीमती गीतांजलि महोबिया एवं श्रीमती पूर्णिमा अमित दास ने किया। अतिथि वक्ताओं का परिचय आर प्रवीण कुमार ने दिया। नर्सिंग की छात्राओं ने सरस्वती वंदना के साथ ही एक सुन्दर शास्त्रीय नृत्य प्रस्तुत किया।