भिलाई। कठिन चुनौतियों का सामना करते हुए स्पर्श मल्टीस्पेशालिटी हॉस्पिटल के नीयोनेटल विभाग ने समय से पूर्व जन्म लेने वाले जुड़वां बच्चों की न केवल जान बचा ली बल्कि उन बच्चों को एक माह की सघन चिकित्सा के बाद पूरी तरह स्वस्थ अवस्था में मां को सौंप दिया। प्रसूता को पखांजूर से बेहद गंभीर अवस्था में यहां लाया गया था। नीयोनेटल आईसीयू की टीम ने डॉ संदीप थुटे के नेतृत्व में दिन-रात काम किया। इस टीम में शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ आशीष जैन, डॉ राजीव कौरा, डॉ ऋचा गुप्ता एवं एनआईसीयू के सभी रेजिडेन्ट मेडिकल अफसर डॉ रॉबर्ट, डॉ संजय एवं डॉ श्वेता सहित उच्च प्रशिक्षित नर्सिंग स्टाफ शामिल थे।डॉ थुटे ने बताया कि पखांजुर निवासी 27 वर्षीय गर्भवती सरस्वती को बेहद गंभीर स्थिति में यहां लाया गया। पानी की थैली फट चुकी थी और जच्चा-बच्चा दोनों की जान खतरे में थी। ऐसी स्थिति में जुड़वा बच्चों का जन्म समय से काफी पहले 30वें सप्ताह में कराना पड़ा। सामान्यत: संतान का जन्म 40 सप्ताह बाद होता है। तय समय से लगभग ढाई माह पहले हुए ये शिशु अनेक खतरों से घिरे थे।
इन शिशुओं के मस्तिष्क एवं उदर में रक्तस्राव हो रहा था। प्लैटलेट काउंट 8000 तक गिर चुका था। 5-6 बार इन्हें रक्त चढ़ाना पड़ा। रक्तचाप बनाए रखने के लिए भी 4 बार औषधि देनी पड़ी। शिशुओं की जान बचाने के लिए एक माह तक जूझने के बाद एनआईसीयू की टीम को सफलता मिली और शिशुओं को उनकी माता के पास पहुंचा दिया गया।
स्पर्श हॉस्पिटल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ संजय गोयल ने बताया कि अस्पताल में उपलब्ध अत्याधुनिक नीयोनेटल फैसिलिटी एवं समर्पित व अनुभवी टीम के कारण ही यह संभव हो पाया और हम शिशु के माता पिता को उनकी खुशियां लौटा पाए। मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ दीपक वर्मा एवं मेडिकल डायरेक्टर डॉ संजय गोयल ने एनआईसीयू की पूरी टीम को इस सफलता पर बधाई दी है।