अपने डेढ़ साल के पोते शिवाय के साथ बैठ मै टी वी पर कपिल शो देख रहा था अन्दाज लगा रहा था की सिद्धू की जगह अर्चना पूरन सिंह कम्फरटेबल दिख रही या नहीं। तभी एक मच्छर आ के शिवाय के गाल पर बैठ गया। मैंने हल्की सी चपत से उसका काम तमाम कर दिया। शिवाय को इसका तनिक भी एहसास नही हुआ पर थोड़ी देर में देखा ढेर सारे मच्छर आ के मेरे चारों तरफ मंडराने लगे। उसमें दो तीन ने आगे आकर कहा कि यह ‘असुहिष्णता’ है। मैंने कहा बच्चे को मलेरिया होगा तब? उसमें से एक ने कहा यह हमारी आजादी का सवाल है। हम कहीं भी बैठ सकते हैं। मैंने कहा वह ठीक है पर खून क्यूँ चूस रहे थे। बहस के अंत में उठाया बिजली का रैकेट और मच्छरों को कर ही दिया आजाद।तभी एक सुप्रीम कोर्ट का वक़ील नुमा मच्छर आगे आया और कहने लगा कि आप कैसे कह सकते है कि हम खून चूस रहे थे। क्या आप इसे प्रूव कर सकते हैं। पर आपने एक बैठे मच्छर को मारा यह हम अदालत में प्रूव कर देंगे। यह हमारी आजादी में खलल है।
मैंने कहा पहले भी एक बैठा था आजादी के साथ और शिवाय को मलेरिया हो गया था। उसका प्रूफ है मेरे पास।
सारे मच्छर पीछे नारे लगा रहे थे- ‘ले के रहेंगे आजादी’ डाक्टर तेरे टुकड़े होंगे। ‘इंशा अल्लाह, इंशा अल्लाह।’
तभी कुछ मच्छरों के साथ मच्छरनियां भी सामने आयीं। कहने लगी हम आपको मीडिया ट्रायल में ले जायेंगे जहां हमारे विशेषज्ञ इस बात पर तू-तू मैं-मैं कर यह सन्देश देंगे कि मनुष्यों मे असहिस्णुता बढ़ रही है। इसका पर्दाफाश हम विदेशों मे भी करेंगे जहां से हमें सहयोग मिलता है कि हम अपने अधिकारो के लिये झन्डे बुलन्द करें। अब तो हमारे कुछ नेताव व फिल्मी नचनियों के बीवी बच्चों को यहां रहना मुश्किल हो रहा है। पता नहीं तुम कब उन्हें भी चपत लगा के मार दो।
मैंने कहा तुम मलेरिया फैलाना बन्द को तो हम चपतियाना बन्द कर देंगे।
उसमें से आठ दस फिर आगे आये। कहने लगे हमें छोटा मोटा मत समझो। हमारी इस विशेष सेवा के लिये हम सम्मानित हो चुके हैं। ये शायद अलग से दिखने वाले डेंगू वाले मच्छर थे। ज्यादा चपतिआया तो सम्मान वापस कर देंगे। भिनभिनाना, शरीर पर बैठना, मौक़ा मिले तो खून चूसना। हमें मना करना हमारी स्वतन्त्रता पर प्रतिघात है।
पीछे से सामूहिक आवाज आई ‘ले के रहेंगे आजादी’
अब तक कपिल शो से मेरा मन हट चुका था। मैंने कहा ये क्या बदतमीजी है। हमारा खून पीना, हमें ही मलेरिया डेंगू से ग्रसित करना तुम्हारा अधिकार कैसे हो गया।
अब उसमें से कुछ मच्छर आगे आये जिन्होंने बड़े भाई की क़मीज और छोटे भाई की सलवार पहन रखी थी। ये अपने देश के नहीं दिख रहे थे।
मैंने कहा आप कौन?
कहने लगे हम प्रायोजित देशों से इनको सहयोग देने आये हैं। यदि आपने इनकी आजादी में खलल डाली तो हम र्इंट से र्इंट बजा देंगे। सारा वातावरण मलेरिया डेगूमय बना देंगे। ये सब कश्मीर, छत्तीसगढ़, आसाम, नागालैण्ड में हमारा सहयोग लेते हैं और हम तबियत से खून पीते हैं। ये जो तुम्हारी व्यवस्था तुम लोगों को जो आयरन और फालिक एसिड खून बढ़ाने के लिये देते हैं। वे भी हमारे साथ है हमें सहयोग देते रहते हैं।
ये बातें चल ही रही थी कि एक छोटा बच्चा सा मच्छर शिवाय के गाल पर बैठ मस्ती से खून चूसने लगा। मेरा खून खौल उठा सोचा साले एक तरफ तो अपनी करनी को सही साबित करने के लिये बात चीत कर रहे हैं और बीच में ये प्रायोजित मच्छर बातचीत का फायदा भी उठा रहा है।
कल रात ही मेरा बेटा कीड़े मारने वाले दो इलेक्ट्रोनिक रैकेट लाया था। मेरा ग़ुस्सा सातवें आसमान पर था मैंने कपिल शो बन्द किया। शिवाय को सुरक्षित जगह पर बैठाया और दोनों हाथो से रैकेट अपने चारों तरफ तलवार ही तरह लहराने लगा। ढेर सारी चट् चट् चट् की आवाजें आने लगी…
शिवाये ताली बजाने लगा…
थोड़े ही समय आजादी गैंग दुनिया से आजाद हो चुका था।
शिवाये ताली बजा ठुमके लगा रहा था
आस पास की भनभनाहट बन्द हो चुकी थी।
मै भी टी वी खोल कपिल शो में कृष्णा की बातों पर मुस्करा रहा था।