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छात्र राजनीति में अपराध से बचें वरना बिगड़ जाएगा करियर : एडीजे तिवारी

Feb 17, 2019

Jansunwai Foundation MJ Collegeभिलाई। एडीजे दुर्ग विवेक तिवारी ने छात्रों को आगाह किया है कि वे छात्र राजनीति करते समय अपराध करने से बचें अन्यथा उनका करियर दांव पर लग सकता है। उन्होंने कहा कि प्रदर्शन एवं उपद्रव में फर्क होता है। एडीजे तिवारी यहां एमजे कालेज के आईक्यूएसी सेल तथा जनसुनवाई फाउंडेशन छत्तीसगढ़ के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित विधिक साक्षरता कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।Dr-Shweta-Bhatia Students beware of crime during agitationमहाविद्यालय की डायरेक्टर श्रीमती श्रीलेखा विरुलकर के सवालों का जवाब देते हुए एडीजे विवेक तिवारी एवं एडीजे हरीश अवस्थी ने बताया कि प्रदर्शन के दौरान तोड़फोड़, परिसर में अनधिकृत प्रवेश एवं महाविद्यालय के अधिकारियों को डराने-धमकाने की कोशिश करना अपराध है। यदि महाविद्यालय प्रशासन एफआईआर करता है तो ऐसे छात्र नेताओं के खिलाफ अपराध दर्ज हो सकता है। ऐसे में सरकारी नौकरी के दौरान होने वाले पुलिस वेरिफिकेशन में अड़चन आ सकती है और सभी परीक्षाएं उत्तीर्ण करने एवं साक्षात्कार में सफल होने के बाद भी नौकरी का मौका छिन सकता है।
एडीजे गरिमा शर्मा ने कहा कि अशिक्षितों और अल्प शिक्षितों को छोड़ भी दें तो अधिकांश शिक्षितों को भी विधि एवं न्याय प्रक्रिया की जानकारी नहीं होती। इसलिए इस तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। एक सवाल के जवाब में उन्होंने छात्रों को आगाह किया कि उनके खिलाफ छात्राओं की एक रिपोर्ट उनकी जिन्दगी तबाह कर सकती है। एडीजे हरीश अवस्थी ने इसपर चुटकी लेते हुए कहा कि यदि कोई युवती किसी युवक को सुर्ख गुलाब का फूल देती है तो बेहतर है कि वह उससे राखी बंधवा ले। क्योंकि अन्य अपराधों से विलग छेड़खानी के आरोपों में स्वयं को निर्दोष साबित करने की जिम्मेदारी आरोपी पर होती है। अधिकांश अन्य मामलों में दोषी का दोष बिना किसी शक के साबित करने की जिम्मेदारी अभियोजन की होती है।
एडीजे विवेक तिवारी ने व्यक्तिगत और सामाजिक अपराधों को परिभाषित किया। उन्होंने कहा कि घरेलू हिंसा के मामलों में तृतीय पक्ष शिकायत कर सकता है। पर यदि हिंसा घर की चारदीवारी के भीतर हो तो मामला पीड़ित की फरियाद पर निर्भर करता है। पीड़ित मुकर जाए तो मुश्किल हो सकती है। पर ऐसे मामले यदि सार्वजनिक तौर पर हों तो तृतीय पक्ष की जिम्मेदारी कम हो जाती है।
विधिक अधिकारियों ने छात्र-छात्राओं की अनेक शंकाओं का समाधान करते हुए उनका मार्गदर्शन किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य डॉ केएस गुरुपंच ने की। संचालन जनसुनवाई फाउंडेशन के राज्य समन्वयक संजय मिश्रा एवं वाणिज्य संकाय की प्रभारी चरनीत संधु ने किया। इस अवसर पर महाविद्यालय के सहा. प्राध्यापक, प्राध्यापक एवं छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

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