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तरक्की और संतुष्ट जीवन के लिए शिक्षा के साथ संस्कार भी जरूरी : ताम्रध्वज

Feb 9, 2019

SSSSMV Annual Functionभिलाई। राज्य के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने आज कहा कि यदि वाकई मनुष्य बनना है, यदि जीवन में संतोष और उपलब्धियां चाहिए तो शिक्षा के साथ साथ संस्कार भी जरूरी हैं। श्री साहू यहां स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय के वार्षिकोत्सव को मुख्य अतिथि की आसंदी से संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि संस्कार बिना पद का कोई अर्थ नहीं है। श्री गंगाजली शिक्षण समिति के चेयरमैन आईपी मिश्रा की अध्यक्षता में आयोजित समारोह में श्री साहू ने कहा कि मौजूदा शिक्षा प्रणाली केवल नौकरी के ही काम आती है। उद्यमिता के लिए किसी डिग्री की आवश्यकता नहीं है। Tamradhwaj Sahuउन्होंने देश के शीर्ष उद्यमियों का उल्लेख करते हुए कहा कि इनमें से कोई भी उच्च शिक्षित नहीं था। पर उनके पास संस्कार थे और ऊंचे जीवन मूल्य थे। संस्कार विहीन व्यक्ति चाहे डाक्टर इंजीनियर बन जाए चाहे प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री, वह किसी के काम का नहीं होता। उसके जीवन में संतुष्टि नहीं होती।
गृहमंत्री श्री साहू ने उपस्थित पालकों से पूछा कि उन्हें माँ-बाबा सुनकर खुशी मिलती है या मम्मी डैडी सुनकर। उन्होंने बच्चों से कहा कि भाषा चाहे जितने भी सीखिये, उसमें कोई बुराई नहीं है पर अंग्रेजी के गुलाम मत बनिए। उन्होंने कहा, अंग्रेज भले ही चले गए हों, पर अंग्रेजियत आज भी हम पर हावी है। जब इसरो जैसी संस्था का 95 फीसदी कार्य बिना अंग्रेजी के चल सकता है तो हम लोगों का क्यों नहीं।
उन्होंने कहा कि हम रामायण पढ़े, बाइबिल पढ़ें या कुरान, हमें उसकी तह तक जाना चाहिए। लोग कुतर्क करने में माहिर होते हैं। इसलिए जानकारी चाहिए। इसी तरह वक्ता को पूरी जिम्मेदारी के साथ बोलना चाहिए।
बेटी बचाओ-क्यों?
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के नारे का उल्लेख करते हुए उन्होंने समाज से पूछा कि क्यों बचाएं बेटियों को? तेजाब काण्ड के लिए, रेप काण्ड के लिए या दहेज काण्ड के लिए? उन्होंने कहा कि पारम्परिक रूप से हम बेटियों की सुरक्षा के लिए उनपर बंदिश लगाते हैं। मैं कहता हूँ, बेटों पर बंदिश लगा दो तो बेटियां रात भर घूमेंगी और कोई कांड नहीं होगा। इसलिए वे बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ के नीचे यह जोड़ना चाहते हैं कि बेटियों का सम्मान करें, बेटियों की सुरक्षा करें।
इससे पूर्व संस्था के चेयरमैन आईपी मिश्रा ने श्री शंकराचार्य ग्रुप द्वारा संचालित शिक्षण संस्थाओं का जिक्र करते हुए कहा कि आज छात्राएं और महिलाएं प्रत्येक क्षेत्र में पुरुषों से आगे निकल गई हैं। उन्होंने कहा कि श्री शंकराचार्य ग्रुप के संस्थानों से शिक्षित बच्चे आज देश के कोने कोने में, यहां तक कि विदेशों में भी अपनी हुनर का लोहा मनवा रहे हैं। मनुष्य को कुछ ऐसा काम करना चाहिये जिससे उसके बार में किताबों में लिखा जा सके।
महाविद्यालय के सीओओ डॉ. दीपक शर्मा ने स्वागत भाषण प्रस्तुत करते हुए कहा कि किसी भी शिक्षण संस्थान की उन्नती एवं सफलता वहां के विद्याथिर्यों की सफलता पर निर्भर करती है। महाविद्यालय में हर क्षेत्र में अपना परचम लहराया है नेक के द्वारा अंचल में हमारे महाविद्यालय को सर्वाधिक ग्रेड प्राप्त हुआ जो हमारे लिये गौरव की बात है।
प्राचार्य डॉ. श्रीमती हंसा शुक्ला ने अपने प्रतिवेदन में कहा कि सत्र 2018-19 शैक्षणिक एवं अशैक्षणिक गतिविधियों में उपलिब्ध भरा रहा। महाविद्यालय के शैक्षणिक स्टॉफ में छ: सहायक प्राध्यापक को पीएच.डी की उपाधि मिली तथा यूजीसी नेट एवं सीजी सेट परीक्षा उत्तीर्ण की। बी.कॉम के दो विद्यार्थियों ने सीएस की परीक्षा उत्तीर्ण की एवं तीन विद्यार्थिर्यों ने सीए की परीक्षा उत्तीर्ण की। 30 विद्याथिर्यों का चयन आकर्षक पैकेज में नामचीन कंपनियों में हुआ। 15 विद्यार्थियों का चयन व्यापम एवं पीएससी के द्वारा शिक्षाकर्मी, पुलिस आरक्षक, फुड कन्ट्रोल आॅफिसर एवं कमर्शियल इंस्पेक्टर के पद पर हुआ। इसी प्रकार विभिन्न खेल गतिविधियों में भी राष्ट्रीय एवं अन्तर्राश्ट्रीय स्तर पर चयनित होकर महाविद्यालय का गौरव बढ़ाया।
मंच संचालन श्रीमती नीलम गांधी, विभागाध्यक्ष वाणिज्य एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का संचालन रिचा ठाकुर, नितिष ठाकुर बीसीए द्वितीय वर्श तथा रक्षा जैन, किरण श्रीवास्तव, बीकॉम द्वितीय वर्ष ने किया।

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