दुर्ग-भिलाई। राज्य के उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमेश पटेल एवं बिलासपुर विधायक शैलेष पाण्डेय आज भिलाई इंस्टीट्यूट आॅफ टेक्नोलॉजी बीआईटी पहुंचकर भाव विह्वल हो उठे। उन्होंने पुराने दिनों की याद करते हुए अनेक प्रसंगों का उल्लेख किया और उस चाय वाले को भी गले लगाया जिसकी टपरी में बैठकर उन्होंने कई शामें गुजारी थीं। उन्होंने छात्र समुदाय को अपने समय का सदुपयोग करने की सलाह भी दी।बीआईटी सभागार में आयोजित अपने पूर्व छात्र उमेश पटेल एवं शैलेष पाण्डेय के अभिनन्दन समारोह में बीआईटी के अध्यक्ष विजय कुमार गुप्ता एवं महासचिव आईपी मिश्रा के अलावा सीएसवीटीयू के कुलपति डॉ एमके वर्मा, बीआईटी के प्राचार्य डॉ अमन अरोरा, सीएसआईटी के चेयरमैन अजय प्रकाश वर्मा, श्री शंकराचार्य टेक्नीकल कैम्पस के निदेशक डॉ पीबी देशमुख, श्रीगंगाजलि एजुकेशनल सोसायटी की अध्यक्ष जया मिश्रा, स्वरूपानंद महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ हंसा शुक्ला, श्रीशंकराचार्य महाविद्यालय की निदेशक सह प्राचार्य डॉ रक्षा सिंह सहित अनेक महाविद्यालयों को प्राचार्य, निदेशक, पूर्व छात्र, बीआईटी के प्राध्यापकगण मौजूद थे।
उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल ने इस अवसर पर कहा कि बीआईटी से पासआउट उनके अधिकांश साथी आज विदेशों में नौकरी कर रहे हैं। यह महाविद्यालय सिर्फ डिग्री नहीं देता अपितु एक स्वर्णिम भविष्य देता है। उन्होंने छात्र समुदाय से अपने समय का सदुपयोग करने की अपील की। उन्होंने कहा कि अपने महाविद्यालयीन जीवन का एक बड़ा हिस्सा उन्होंने शंकर गोस्वामी की चाय दुकान पर गुजारा है। पर अब लगता है उस समय का बेहतर उपयोग हो सकता था। गणित के शिक्षक संजय सर, नारायण सर को याद करते हुए उन्होंने कई प्रसंगों का उल्लेख किया। उल्लेखनीय है कि श्री पटेल शहीद नेता नंद कुमार पटेल के सुपुत्र हैं। श्री नंदकुमार पटेल झीरम घाटी हमले में शहीद हुए थे।
बीआईटी से ही पास आउट बिलासपुर विधायक शैलेष पाण्डेय का भी एक शानदार करियर रहा है। बीआईटी के 1993 बैच पासआउट शैलेष सीवी रमन यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार रहे हैं। 21 साल शिक्षा को समर्पित कर चुके श्री पाण्डेय ने कहा कि उनके समय में कालेज की फीस 350 रुपए महीना थी। पहली नौकरी 2400 रुपए की लगी। 5500 रुपए पगार होने पर उन्होंने घर बसाया। यह सब कल की ही बात लगती है। उन्होंने बीआईटी को मध्यभारत का सर्वश्रेष्ठ तकनीकी कालेज बताते हुए कहा कि इस कालेज ने अपनी गुणवत्ता को बनाए रखा है।
बीआईटी के संस्थापकों में से एक एवं श्री गंगाजलि एजुकेशन सोसायटी के चेयरमैन श्री आईपी मिश्रा ने कहा कि इस महाविद्यालय ने अनेक आईएएस और आईपीएस अधिकारियों को जन्म दिया है। यहां से निकले छात्र रजिस्ट्रार और कुलपति के पद तक पहुंचे हैं। अब यहां का छात्र उच्च शिक्षा मंत्री बन गया है। वे आशा करते हैं कि आने वाले दिनों में इस महाविद्यालय के छात्र मुख्यमंत्री एवं प्रधानमंत्री की कुर्सी तक भी पहुंचेंगे। उन्होंने उमेश पटेल को सबसे कम उम्र में केबिनेट मंत्री बनने पर बधाई भी दी।
जब चाय वाले को लगाया गले
उमेश पटेल ने कैम्पस में प्रवेश करते ही चाय टपरी चलाने वाले शंकर गोस्वामी को याद किया। जैसे ही उनकी नजर शंकर पर पड़ी उसने उन्हें गले लगा लिया। शंकर की आंखों में खुशी के आंसू छलक आए।