भिलाई। हलवाई गुप्ता समाज का राष्ट्रीय सम्मेलन 18 एवं 19 फरवरी को शहर बेदहन जिला सिंगरौली मध्यप्रदेश में अटल सामुदायिक भवन वार्ड 42 में सम्पन्न किया गया। इस अवसर पर मृत्युभोज एवं वैवाहिक समारोहों में होने वाली फिजूलखर्ची पर रोक लगाने का प्रस्ताव पारित किया गया। इस अवसर पर समाज द्वारा दो जोड़े की शादी सम्पन्न होने स्वजातीय विधायक संजय गुप्ता, विधायक चायल, जिला कौसम्मी उत्तरप्रदेश ने वर-वधु को शुभकामनाएं आर्शीवाद सहित राष्ट्रीय संगठन को दूरभाष पर बधाई देते हुए अपने विधानसभा में अगला सम्मेलन कराने की इच्छा व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन प्रभुदयाल मैहर एवं अमित गुप्ता जबलपुर, आभार प्रदर्शन आशुतोष एडवोकेट सीधी, राजेश गुप्ता रीवा ने किया।समाज के प्रथम राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहनलाल गुप्ता भिलाई निवासी, पूर्व अध्यक्ष बेचुलाल गुप्ता, महासचिव मन्नुलाल गुप्ता, मनगवा रिंवा संगठन सचिव रिटायर ए.आई.जी. हनुमान प्रसाद, नई दिल्ली, सचिव शंकर लाल गुप्ता आजमगढ़ भोला प्रसाद गुप्ता, आॅडिटर मिर्जापुर कोषाध्यक्ष अरूण कश्यप, इलाहाबाद (प्रयाग) के साथ अन्य पदाधिकारियों ने कुलदेवता भगवान मोदनसेन के तैल्यचित्र पर माल्यार्पण कर पूजा अचर्ना कर राष्ट्रगान कर सम्मेलन की शुरूआत की। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महाराजा सिंगौरली वी.पी. सिंह (बाबा) की गरिमामय उपस्थिति एवं अध्यक्षता पूर्व महापौर श्रीमती रेनु शाह के साथ राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं राष्ट्रीय प्रांतीय पदाधिकारियों का स्वागत अध्यक्ष मेवालाल, संयोजक हीरालाल, घनश्याम गुप्ता, महिला अध्यक्ष श्रीमती संख्या गुप्ता, उपाध्यक्षस श्रीमती रितु गुप्ता, संरक्षक श्रीमती आरती गुप्ता के साथ अन्य महिला पदाधिकारियों के साथ युवा विंग सत्यप्रकाश गुप्ता, चंदन गुप्ता, अजीत गुप्ता, आशीष गुप्ता ने अपने युवा साथियों के साथ आत्मीय स्वागत अतिथियों द्वारा उद््बोधन किया गया।
बेड़हन शहर महापौर श्रीमती खैरवार की मुख्य आतिथ्य एवं समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहनलाल गुप्ता की अध्यक्षता एवं समाज के सांस्कृतिक विभाग प्रमुख राष्ट्रीय सम्मान प्राप्त अनिल अकेला, म.प्र. महासचिव सुधीर गुप्ता के प्रेरणाप्रद उपस्थिति एवं उद्बोधन से कार्यक्रम संचालित कर दो प्रस्ताव तालियों के गडग़ड़ाहट के साथ सर्वसम्मति से पास किए गए। पहला समाज मृत्यु भोज पर प्रतिबंध लगाकर समाज में व्याप्त रूढ़ीवादी प्रथा खत्म करने का संकल्प लेती है। समाज दिन में शादी-व्याह कर समाज को फीजूलखर्ची से राहत देने का प्रयास किया जाना न्यायसंगत होगा।