भिलाई। श्री शंकराचार्य महाविद्यालय में निर्देशन एवं परामर्श प्रकोष्ठ द्वारा माइंड ट्रेनिंग एकेडमी के ईशू सिंग बंछोर एवं उनके सदस्यों के द्वारा परामर्श दिया गया। उन्होंने डीएमआईटी परीक्षण के द्वारा मस्तिष्क परीक्षण की जानकारी दी और कहा कि यह शत-प्रतिशत वैज्ञानिक है। उन्होंने यह बताया कि इस परीक्षण के द्वारा हम अपने बच्चों से जुड़ी हर समस्या का समाधान ढूंढ सकते हैं। इससे बच्चों के सीखने के प्रभावशाली तरीके, संकाय एवं विषय चुनने जैसी समस्याओं का समाधान संभव है। कैरियर के सही चयन की दिशा में भी जानकारी या परीक्षण दे सकते हैं। उन्होंने बताया कि मस्तिष्क परीक्षण के लिए फिंगरप्रिंट की आवश्यकता होती है, उन फिंगरप्रिंट को प्रयोगशाला में भेजा जाता है जहां से उसकी वैज्ञानिक रिपोर्ट एवं समाधान आते हैं। मिड ब्रेन एक्टिवेशन कार्यक्रम का भी जिक्र किया। यह कार्यक्रम 3 से 15 वर्ष के बच्चों के लिए होता है इससे बच्चा बंद आंखों से चीजों, आकार रंग आदि को पहचान सकता है। इस कार्यक्रम से याददाश्त, आत्मविश्वास, एकाग्रता एवं पांचों इंद्रियों की क्रियाशीलता में बढ़ोतरी होती है।
परामर्श के इस कार्यक्रम में महाविद्यालय की संचालक एवं प्राचार्य डॉ रक्षा सिंह उपस्थित थी। उन्होंने कहा कि वर्तमान में परामर्श की प्रक्रिया आज के विद्यार्थियों व बच्चों के लिए बहुत जरूरी है। इससे बच्चों के अभिभावकों को भी एक दिशा मिलती है। महाविद्यालय के अतिरिक्त निदेशक डॉ जे दुर्गा प्रसाद राव ने कार्यक्रम की सराहना की तथा आज के संदर्भ में इसे उपयोगी बताया। इस कार्यक्रम में शिक्षा विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ नीरा पाण्डेय तथा सभी शिक्षक गण उपस्थित रहे एवं डीएलएड तथा बीएड के विद्यार्थियों ने कार्यक्रम का लाभ उठाया।