• Thu. Apr 18th, 2024

Sunday Campus

Health & Education Together Build a Nation

चार साल में रोके 1377 बाल विवाह, अक्षय तृतीया पर रहेगी खास नजर

Apr 28, 2019

1377 child marriages stopped in CGबेमेतरा। महिला एवं बाल विकास विभाग ने छत्तीसगढ़ में पिछले 4 वर्षों में लगभग एक हजार 377 बाल विवाह रोकने में सफलता पाई है। इस वर्ष भी महिला एवं बाल विकास विभाग ने समन्वित प्रयास और सामाजिक सहयोग से बाल विवाह रोकने की तैयारी कर ली है। अक्षय तृतीया के अवसर पर बाल विवाह कराए जाने की संभावना सर्वाधिक होती है। विभाग ने इस पर अंकुश लगाने के लिए गांव-गांव में अपना नेटवर्क फैला दिया है।महिला एवं बाल विकास विभाग रायपुर द्वारा बाल विवाह रोकथाम के लिए सभी जिलों के कलेक्टर, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, जिला और जनपद पंचायत के मुख्य कायर्पालन अधिकरी सहित विभागीय जिला अधिकारियों को विस्तृत दिशानिर्देश जारी कर दिये गए हैं। निर्देश में बताया गया है कि बाल विवाह एक कानूनन अपराध है। बाल विवाह करने वाले वर एवं वधु के माता-पिता, सगे-संबंधी, बाराती यहां तक कि विवाह कराने वाले पुरोहित पर भी कानूनी कार्यवाही की जा सकती है। इसके लिए अधिकारियों को पटवारी, कोटवार, शिक्षकों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं ग्राम स्तरीय शासकीय अमले से का सहयोग लेने कहा गया है। प्रत्येक ग्राम या ग्राम पंचायत में विवाह पंजी संधारित कर क्षेत्र में होने वाले सभी विवाह को पंजीबद्ध करने कहा गया है। राजस्व विभाग के समन्वय से शतप्रतिशत विवाह पंजीयन सुनिश्चित करने कहा गया है।
विभागीय अधिकारियों ने बताया कि बाल विवाह के कारण बच्चों में कुपोषण, शिशु-मृत्यु दर एवं मातृ-मृत्युदर के साथ घरेलू हिंसा में भी वृद्धि देखी गई है। अक्षय तृतीया पर अधिक विवाह होते हैं, इस समय बाल विवाह होने के संभावना अधिक होती है। बाल विवाह की जानकारी और रोकथाम के लिए प्रशासन के साथ-साथ सामाजिक भागीदारी भी जरूरी है। इसके लिए विभिन्न प्रचार माध्यमों जैसे गांव में मुनादी,दीवार पर नारा लेखन, पॉम्पलेट्स, रैली, वाद-विवाद और निबंध प्रतियोगिता के माध्यम से जन जागरूगता का अभियान चलाया जाएगा। अभियान के माध्यम से लोगों को बाल विवाह के दुष्प्रभाव के प्रति जागरूक किया जाएगा जिससे अधिक से अधिक लोग इस सामाजिक बुराई के रोकथाम में सहयोग करें। अधिकारियों ने बताया कि बाल विवाह की सूचना ग्राम सरपंच, पंचायत सचिव, ग्राम के शिक्षक, कोटवार, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के माध्यम से दी जा सकती है। इसमें किशोरी बालिकाओं और बालिका समूहों की अहम भूमिका हो सकती हैं।
मुड़पार में रोकी बाल विवाह की तैयारी
बीते दिनों विकासखण्ड नवागढ़ के ग्राम मुड़पार थाना संबलपुर के एक परिवार में नाबालिग बालक के विवाह किये जाने की सूचना पर जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी सह बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी के निर्देश पर जिला बाल संरक्षण अधिकारी के मार्गदर्शन में आउटरीच वर्कर राजेश चंद्राकर, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, स्थानीय जनप्रतिनिधि व प्रबुद्ध नागरिकों की सहायता से उस बालक के निवास स्थान पर पहुंच कर उक्त बालक व उसके परिजनों एवं आस-पास के लोगों से पूछताछ की गई, जिससे विवाह किये जाने के तथ्य की पुष्टि हुई। बालक का विवाह जिला मुंगेली स्थित ग्राम-गुरूवईन डबरी, तहसील लोरमी, थाना लालपुर में जिस बालिका से संपन्न होना प्रस्तावित था। वह भी 18 वर्ष से कम आयु के होने की पुष्टि जिला बाल संरक्षण इकाई मुंगेली द्वारा की गई। जिसे समझाईश देकर व आवश्यक कार्यवाही कर विवाह स्थगित किये जाने की सूचना प्राप्त हुई है। बालक के पिता के अनुसार वे गरीब हैं तथा हमें ज्ञात नहीं था कि 18 वर्ष से कम आयु की बालिका एंव 21 वर्ष से कम आयु के बालक का विवाह गैर कानूनी है। उक्त कायर्वाही में आउटरीच वर्कर राजेश कुमार चंद्राकर, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, एवं ग्रामीणजन उपस्थित थे।

Leave a Reply