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चीथड़ों में लिपटी पाकिस्तान की अखंडता, 2025 तक टिकना मुश्किल : प्रो दीक्षित

Apr 7, 2019

सियान सदन में ‘नो मोर पाकिस्तान’ पर परिचर्चा का आयोजन

Forum for National Securityभिलाई। पाकिस्तान की अखंडता को बेहद नाजुक मोड़ पर बताते हुए हेमचंद विश्वविद्यालय दुर्ग के प्रथम कुलपति प्रो एनपी दीक्षित ने कहा कि पाकिस्तान की तुलना यशपाल की कहानी परदा से की जा सकती है। इस कहानी में चौधरी का रुतबा कायम रखने के लिए मकान की ड्योढ़ी पर एक परदा टंगा था। इसके पीछे की सच्चाई जब खुली तो लोगों के आंसू निकल आए। ऐसा ही हाल पाकिस्तान का है और 2025 तक इसका टिक पाना मुश्किल लगता है।Forum for National Securityप्रो. दीक्षित नेहरू नगर के सियान सदन में आयोजित ‘नो मोर पाकिस्तान’ परिचर्चा को मुख्य अतिथि की आसंदी से संबोधित कर रहे थे। उन्होंने बताया कि ‘परदा’ में परदे के पीछे पूरा खानदान बंटा पड़ा था। गरीबी इतनी थी कि स्त्रियों के पास बदन ढंकने को वस्त्र नहीं थे। एक दिन जब वसूली करने आए लोगों ने घर का परदा खींच लिया तो उसकी तंगहाली उजागर हो गई। इसी तरह चार प्रांतों में बंटा पाकिस्तान भी भीतर से जर्जर हो चुका है। सेना नाम का परदा हटते ही उसकी यह दरिद्रता दुनिया के सामने आ जाएगी।
प्रो. दीक्षित ने बताया कि पाकिस्तान ने संस्कृति पर धर्म को हावी करने की कोशिश की और आज उसकी फसल काट रहा है। पंजाब प्रांत सबपर हावी है। लगभग पूरी सरकार ही उसकी है। सेना भी उसकी है। सिंध प्रांत सबसे ज्यादा राजस्व देने के बाद भी उपेक्षित है। बलूचिस्तान में अलग होने के आंदोलन चल रहे हैं। अब पाकिस्तान के पास उधार के पैसों से चल रही सेना को संभालने की ताकत नहीं रही। इसलिए यदि आने वाले 5-7 सालों में पाकिस्तान के ही टुकड़े-टुकड़े हो गए तो कोई आश्चर्य नहीं होगा।
Siyan Sadan Nehru Nagar Bhilaiइससे पहले फोरम फार नेशनल सिक्योरिटी फैन्स के कर्नल जेएसएस कक्कड़ (अवकाश प्राप्त) ने पाकिस्तान के बनने का इतिहास दोहराते हुए कहा कि भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन का यह दुर्भाग्य है कि 1857 से 1947 के बीच 90 सालों में किसी भी नेता ने एक वृहद भारत की कल्पना नहीं की। पाकिस्तान दो टुकड़ों में बना जबकि शेष प्रांतों के लिए साझा सीमाओं की शर्त रख दी गई। आज एक ऐसा प्रधानमंत्री देशा को मिला है जिसने एक वृहद भारत का नक्शा बनाते हुए पड़ोसी देशों के साथ सामरिक साझेदारी करते हुए एक मजबूत घेरा बनाने की ओर अग्रसर है।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान आज बेहद नाजुक मोड़ पर है। अब यह हमारी मर्जी है कि हम उसके स्वत: टूट जाने का इंतजार करें या एक धक्का देकर उसे पूरी तरह से ढेर कर दें। उन्होंने कहा कि दुश्मन को बार-बार माफ करने की हमारी नीति कभी भी हमारे काम नहीं आई है। इतिहास गवाह है कि शत्रु को माफ करने वालों की अंतत: स्वयं की पराजय हुई है। हमें अब यह गलती नहीं दोहरानी चाहिए।
आयोजन के दूसरे मुख्य वक्ता कर्नल सुनी मिश्रा (अवकाश प्राप्त) ने बताया कि यूएसए की एनआईसी का आकलन है कि 2025 में पाकिस्तान का कोई अस्तित्व नहीं रह जाएगा। विभिन्न देशों का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि उत्तर कोरिया ने नागरिकों को बहुत ज्यादा राहत दे दी तो उसकी दुर्दशा हो गई जबकि दक्षिण कोरिया आज इलेक्ट्रानिक्स से लेकर सामरिक क्षेत्र की एक बड़ी ताकत बन गया। उजबेक के नागरिकों की महत्वाकांक्षा छिन गई तो वहां आलस्य ने देश को दरिद्र बना दिया। सोवियत संघ में लोगों के पास काम करने का कोई मोटिवेशन नहीं था। सामाजिक ताना बाना बेहद खस्ताहाल था। उसके टुकड़े टुकड़े हो गए। दक्षिण अफ्रीका में नेटिव्स को कोई अधिकार नहीं थे। उनके पास कोई काम भी नहीं था। वहां क्रांति हुई और देश आजाद हो गया।
उन्होंने इन सभी देशों से सीख लेने की सलाह देते हुए कहा कि देश के नागरिकों के बीच एक सामाजिक एकता और समरसता होनी चाहिए, उनमें तरक्की करने की चाह होनी चाहिए और इसके लिए अवसर भी होने चाहिए। प्रत्येक वस्तु या सुविधा के लिए संघर्ष और उद्यम की जरूरत होनी चाहिए। तभी देश मजबूत बना रह सकता है।
आरंभ में राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच के अनिल कुमार डागा ने फोरम फार नेशनल सिक्यूरिटी और फोरम फार इंटीग्रेटेड नेशनल सिक्यूरिटी के विषय में सारगर्भित जानकारी देते हुए बताया कि 2013 में सेना, ब्यूरोक्रेसी और विज्ञान के क्षेत्र के अनुभवी अवकाश प्राप्त लोगों ने मिलकर फिम्स की स्थापना की जो देश-दुनिया की स्थिति का आकलन कर अपना सुझाव दे सके। यह एक तरह का थिंक टैंक है जो देश की सोच को सही दिशा देने का प्रयत्न कर रहा है।
कार्यक्रम को राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच के राष्ट्रीय महामंत्री गोलोक बिहारी राय, राज्य अल्प संख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष एवं वरिष्ठ पत्रकार सुरेन्द्र सिंह केम्बो ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर एसके गुप्ता, अनिल डागा, विरेन्द्र नाथ पाण्डेय, पवन कुमार निषाद, आर के सारडा, किशोरी लाल साहू, डॉ रक्षा सिंह, श्रीमती एस छत्री, जयप्रकाश यादव, दुर्ग की छाया महापौर श्रीमती नीलू ठाकुर, पूर्व पार्षद श्रीमती रानी भुनेश्वरी सहित बड़ी संख्या में नेहरू नगर के वरिष्ठ नागरिकगण उपस्थित थे।

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