भिलाई। स्पर्श मल्टीस्पेशालिटी हॉस्पिटल में एक 54 वर्षीय व्यक्ति की टोटल हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी की गई। व्यक्ति तीन साल पहले एक हादसे का शिकार हो गया था जिसके बाद से ही वह लगातार तकलीफ में था। बिहार निवासी इस व्यक्ति का पुत्र यहां सीआइएसएफ में नियुक्त है। वह अपने पिता को यहां लेकर पहुंचा जहां उनकी सर्जरी की गई। मरीज को दूसरे ही दिन उनके पैरों पर खड़ा कर चला दिया गया और तीन दिन बाद उसकी छुट्टी कर के घर भेज दिया गया।स्पर्श के डॉ संजय गोयल एवं अस्थिरोग विशेषज्ञ डॉ दीपक वर्मा ने बताया कि 54 वर्षीय तसमुद्दीन खान बिक्रमगंज बिहार के रहने वाले हैं। लगभग चार साल पहले घर में पैर फिसलने के कारण वे गिर पड़े थे। इससे उनके कूल्हे की हड्डी टूट गई थी। तीन साल पहले उन्होंने पटना के एक अस्पताल में सर्जरी कराई जहां तीन स्क्रू लगाकर टूटी हड्डी को जोड़ दिया गया। पर सर्जरी के बाद भी उन्हें आराम नहीं मिला। पिछले कुछ समय से वे उठने बैठने या चलने-फिरने से भी महरूम हो गए थे।
उनके पुत्र फहीम खान यहां सीआईएसएफ में तैनात हैं। सीआईएसएफ का स्पर्श के साथ टाइअप है। उसने अपने पिता को इलाज के लिए यहीं बुला लिया। स्पर्श मल्टीस्पेशालिटी हॉस्पिटल के आर्थोपीडिक्स विभाग के अध्यक्ष डॉ दीपक वर्मा, ज्वाइंट रिप्लेसमेंट सर्जन डॉ सुनील देवांगन एवं निश्चेतना विशेषज्ञ डॉ संजय गोयल की टीम ने शनिवार को उनकी सफलता पूर्वक टोटल हिप रिप्लेसमेन्ट सर्जरी संपन्न की। डॉ संजय गोयल एवं डॉ दीपक वर्मा ने इस सफलता का श्रेय अस्पताल के मॉड्यूलर ओटी, आईसीयू बैकअप, उच्च प्रशिक्षित स्टाफ तथा कंसल्टेंट्स की टीम को दिया है।
वरदान है ज्वाइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी
डॉ देवांगन ने बताया कि ज्वाइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी सदी के सफलतम चिकित्सकीय विकल्पों में से एक है। इस सर्जरी के लिए विशेष प्रशिक्षण की जरूरत होती है। ज्वाइंट रिप्लेसमेंट विशेषज्ञों द्वारा की गई सर्जरी के बहुत अच्छे परिणाम आते हैं। अप्रशिक्षित सजर्नों द्वारा की गई सर्जरी के नतीजे अच्छे नहीं होते जिसके कारण मरीज असंतुष्ट रहता है और समाज में इस सर्जरी को लेकर अविश्वास और भ्रांति फैलती है।