विश्व मातृत्व दिवस पर जिनोटा पॉलीक्लिनिक में आयोजन
भिलाई। शास्त्री मार्केट स्थित जिनोटा पॉलीक्लिनिक एवं फार्मेसी में विश्व मातृत्व दिवस पर स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ आकांक्षा श्रीवास्तव दशोरे ने कहा कि हमें बेटियों के पोषण का ख्याल किशोरावस्था से ही रखना चाहिए। बेटी स्वस्थ और सुपोषित होगी तभी आगे जाकर सुरक्षित और स्वस्थ मातृत्व का सुख लिया जा सकता है। वरिष्ठ साहित्यकार एवं कवि अमीरचंद अरोरा के मुख्य आतिथ्य तथा जिनोटा की डायरेक्टर श्रीलेखा विरुलकर की अध्यक्षता में आयोजित इंटरनेशनल मदर्स डे पर माताओं के सम्मान में इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। आयोजन की विशेष वक्ता डॉ आकांक्षा ने कहा कि भारतीय समाज में गर्भवती के स्वास्थ्य एवं पोषण का तो पूरा ख्याल रखा जाता है पर यह काफी नहीं है। बेटियां के पोषण एवं सामान्य स्वास्थ्य का ख्याल आरंभ से ही रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कुपोषित माता से सुपोषित संतान की अपेक्षा नहीं करनी चाहिए।
श्रीमती विरुलकर ने इस अवसर पर कहा कि हम सब आज जो कुछ भी हैं, अपनी मां की कुर्बानियों की वजह से ही हैं। उन्होंने मां की तुलना भगवान से करते हुए एक गीत भी प्रस्तुत किया। मुख्य अतिथि श्री अरोरा ने शायराना अंदाज में कहा, ‘कलम से जैसे ही लिखा मां का नाम, कलम ने कहा-हो गए तेरे चारों धामÓ। उन्होंने कहा कि जो लोग जीवन काल में अपने माता पिता की सेवा नहीं करते वही अकसर उनकी मौत पर लोगों को खीर पूड़ी खिलाते हैं। माता पिता की सच्ची सेवा उनके जीवनकाल में ही की जा सकती है। जिन्होंने हमें जन्म दिया, पाला-पोसा, बुढ़ापे में हमें उनका पूरा-पूरा ख्याल रखना चाहिए।
जिनोटा के प्रबंधक कमल गुरनानी ने कहां कि मां का नाम लेना ही काफी है। मां की जीवन में क्या भूमिका है वह उसके जाने के बाद ही समझ में आती है। हमारी हर जरूरत को पूरी करने वाली मां अपनी जरूरतों को हमेशा गौण बनाए रखती है। इसलिए हमें उसका पूरा-पूरा ख्याल रखना चाहिए।
कार्यक्रम का संचालन एमजे कालेज के प्राचार्य डॉ कुबेर सिंह गुरुपंच ने किया। धन्यवाद ज्ञापन एमजे कालेज की शिक्षा संकाय की प्रभारी डॉ श्वेता भाटिया ने किया। इस अवसर पर डॉ आकांक्षा श्रीवास्तव दशोरे, श्रीलेखा विरुलकर, डॉ श्वेता भाटिया एवं श्रीमती सना का सम्मान शॉल प्रदान कर किया गया।
इससे पहले डॉ आकांक्षा ने नि:शुल्क शिविर में कुछ महिलाओं के स्वास्थ्य की भी जांच की तथा उन्हें उचित परामर्श दिया।